प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार तीन जून को उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव कानपुर देहात के परौंख गांव पहुंचे. इस मौक़े पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे.
पहली बार अपने पैतृक गाँव पहुँचे पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए राष्ट्रपति कोविंद प्रोटोकॉल तोड़ते हुए ख़ुद हेलीपैड तक पहुंच गए.
प्रधानमंत्री ने बाद में कहा कि राष्ट्रपति कोविंद की इस गर्मजोशी ने उन्हें ‘हैरान’ कर दिया और वो ‘शर्मिंदगी’ महसूस कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने परौंख में एक सभा में कहा, “परौंख की मिट्टी से राष्ट्रपति जी को जो संस्कार मिले हैं, उसकी साक्षी आज दुनिया बन रही है और मैं आज देख रहा था कि एक ओर संविधान और दूसरी तरफ़ संस्कार. और आज गांव में राष्ट्रपति जी ने पद के द्वारा बनी हुई सारी मर्यादाओं से बाहर निकलकर के मुझे आज हैरान कर दिया. वे स्वयं हेलीपैड पर मुझे रिसीव करने आए. मैं बड़ी शर्मिंदगी महसूस कर रहा था कि उनके मार्गदर्शन में हम काम कर रहे हैं. उनके पद की एक गरिमा है, एक वरिष्ठता है.”
पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि आज उन्होंने (राष्ट्रपति) उनके साथ बड़ा ‘अन्याय’ कर दिया.
उन्होंने कहा कि उनके ऐसा कहने पर राष्ट्रपति ने कहा, “संविधान के मर्यादाओं का पालन तो मैं करता हूं लेकिन कभी कभी संस्कार की भी अपनी ताक़त होती है. आज आप मेरे गांव आए हैं. आज मैं यहां पर अतिथि का सत्कार करने के लिए आया हूं. मैं एक राष्ट्रपति के तौर पर नहीं, मैं इस गांव के एक बच्चे के रूप में आया हूं. मैं इस गांव के नागरिक के रूप में आपका स्वागत कर रहा हूं.”
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे सामने ये उदाहरण है कि भारत के गांव में पैदा हुआ ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति भी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री बन सकता है. लेकिन ये परिवारवाद है, जो राजनीति ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में प्रतिभाओं को आगे बढ़ने से रोकता है.
दूसरे दलों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, “मेरी किसी राजनीतिक दल से या किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराज़गी नहीं है. मैं तो चाहता हूं कि देश में एक मजबूत विपक्ष हो, लोकतंत्र को समर्पित राजनीतिक पार्टियां हों.”
उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति जी ने अपने पैतृक आवास को मिलन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए दे दिया था. आज वो विमर्श और ट्रेनिंग सेंटर के तौर पर महिला सशक्तिकरण को नई ताकत दे रहा है.”
गांवों को लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी भारत की आज़ादी को भारत के गाँव से जोड़कर देखते थे.
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे गांवों के पास सबसे ज्यादा सामर्थ्य है, सबसे ज्यादा श्रम शक्ति है, और सबसे ज्यादा समर्पण भी है. इसलिए भारत के गांवों का सशक्तीकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है.”
राष्ट्रपति ने जताया आभार
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके पैतृक गांव परौंख पहुंचे पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि आज पीएम मोदी हमारे इस छोटे से गांव आए हैं, यह उनकी उदारता है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, “आज से मेरा गांव आपका ऋणी हो गया है और सिर्फ़ गांव ही नहीं, यह ज़िला भी आपके आने से अनुगृहित हो गया है.”
राष्ट्रपति ने कहा, “उत्तर प्रदेश के लोगों को सदैव इस बात की टीस रहती थी कि इस राज्य ने देश को नौ-नौ प्रधानमंत्री दिए लेकिन राष्ट्रपति एक बार भी नहीं. लेकिन आज उत्तर प्रदेश के लोगों को गर्व की अनुभूति होती है कि यहां के एक निवासी को पहली बार देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का उत्तरदायित्व प्रदान किया गया. और इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है.”
इस मौक़े पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा,”भारतीय संस्कृति पर आधारित समावेशी, समरस समाज के निर्माण और ग़रीब, पिछड़े, वंचित वर्गों के उत्थान के प्रति बाबा साहब जीवन भर संघर्षरत रहे. उनके आदर्शों को जिस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यरूप दिया है वह हम सबके लिए अनुकरणीय भी है और अपने आप में एक मिसाल भी है.”
अपने गांव के प्रति आभार जताते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “जब भी यहां, अपने गांव में आता हूं तो सहज ही मैं यहां की माटी को अपने माथे से लगाता हूं. मैं मानता हूं कि आज मैं जो कुछ भी हूं, जहां पर भी हूं, वह शुभचिंतकों की शुभेच्छाओं के साथ-साथ अपनी मातृभूमि के आशीर्वाद के बल पर ही संभव हो सका है.”
राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि परौंख गांव के और आस-पास के क्षेत्र के निवासियों के हित में, स्थानीय प्रशासन द्वारा अनेक जन-सुविधाओं और कल्याणकारी काम किए गए हैं. ऐसे जन-हितैषी कार्यों के लिए मैं राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की सराहना करता हूं.
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कानपुर में हिंसा
शुक्रवार को जब राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री-राज्य के मुख्यमंत्री कानपुर देहात में लोगों को संबोधित कर रहे थे, उसी समय कानपुर के बेकनगंज इलाक़े में जुमे की नमाज़ के बाद दो समुदायों के बीच पथराव की घटना हुई, जिसके बाद से स्थिति तनावपूर्ण है.
हालात को देखते हुए हिंसाग्रस्त इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
इस मामले में अभी तक 18 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
प्रशासन का कहना है कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों पर गैंगस्टर और एनएसए एक्ट के तहत कार्रवाई होगी.
कानपुर की ज़िलाधिकारी नेहा शर्मा ने मौके पर पहुंच कर मीडिया को बताया था कि दो पक्षों के बीच पथराव की घटना हुई, जिसके बाद पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया.
उन्होंने यह भी कहा था कि यह सुनियोजित घटना थी या अचानक हुई, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन लोगों से पूछताछ जारी है.
कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय शंकर मीणा ने बीबीसी को बताया कि इस सिलसिले में अब तक 18 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और उनके विरुद्ध गैंगस्टर ऐक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
इस घटना को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा था, ”कानपुर नगर के बेकनगंज थाना क्षेत्र के नई सड़क इलाक़े में आज जुमे की नमाज के बाद से कुछ लोगों ने वहां की दुकानों को बंद करने का प्रयास किया जिसका विरोध दूसरे पक्ष के लोगों ने किया. इस बात को लेकर आपस में टकराव हुआ और पत्थरबाजी की घटना हुई. इस सूचना पर तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया. घटना के तुरंत बाद ही वहां पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकार पहुंच गए. आवश्यक बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रण में किया गया.”
विपक्ष ने साधा निशाना
इस मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को ट्वीट भी किया था.
उन्होंने कहा, ”महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए भी पुलिस और ख़ुफ़िया-तंत्र की विफलता से भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान से, कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए भाजपा नेता को गिरफ़्तार किया जाए. हमारी सभी से शांति बनाए रखने की अपील है.”
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज, शनिवार को ट्वीट किया है.
उन्होंने लिखा है, “राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जी के यूपी दौरे के दौरान ही कानपुर में दंगा व हिंसा भड़कना अति-दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण व चिन्ताजनक तथा पुलिस खुफिया तंत्र की भी विफलता का द्योतक. सरकार को समझना होगा कि शान्ति व्यवस्था के अभाव में प्रदेश में निवेश व यहाँ का विकास कैसे संभव? “