वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया और बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी नामक एजेंसियों ने वन विभाग के सहयोग से गोबिंद सागर झील में सर्वे किया। सर्वे के लिए झील को पांच क्षेत्रों में विभाजित किया गया था।
गोबिंद सागर झील में 41 प्रजातियों के 3101 प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं। यह खुलासा बिलासपुर की गोबिंद सागर झील में पहली बार हुई प्रवासी पक्षियों की गणना में हुआ है। अति संरक्षित कॉमन पोचार्ड और रिवर टर्न प्रजाति के पक्षियों को भी गोबिंद सागर झील के दलदली क्षेत्र पसंद आए हैं। प्रवासी पक्षियों में बार हेडेड गूज और नॉर्दर्न पिनटेल की संख्या सबसे अधिक है।
वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया और बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी नामक एजेंसियों ने वन विभाग के सहयोग से गोबिंद सागर झील में सर्वे किया। सर्वे के लिए झील को पांच क्षेत्रों में विभाजित किया गया था। चार और पांच फरवरी को हुए सर्वे में 41 प्रजातियों के कुल 3101 प्रवासी पक्षियों की गणना की गई है। प्रवासी पक्षियों में बार हेडेड गूज और नॉर्दर्न पिनटेल की संख्या सबसे अधिक है।
इसके अलावा अति संरक्षण वाली प्रजातियों में कॉमन पोचार्ड और रिवर टर्न शामिल हैं। इन दोनों एजेंसियों ने पक्षी गणना तकनीक, रोग निगरानी और मध्य एशियाई फ्लाईवे राष्ट्रीय कार्य योजना पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में वन विभाग के फ्रंट लाइन स्टाफ, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, स्कूली विद्यार्थी और पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बता दें कि अभी तक प्रवासी पक्षियों की गणना के लिए पौंग डैम में ही सर्वे किया जाता रहा है। गोबिंद सागर झील में आज तक कभी भी सर्वे नहीं हुआ था। मगर पहली बार गोबिंद सागर झील में सर्वे कर प्रवासी पक्षियों की पहचान कर सही आंकड़े का पता लगाया गया है।