चुनाव के नजदीक आते ही फोरलेन संघर्ष समिति मुख्यमंत्री से मुखर हो गई है। वहीं, विपक्ष से भी समिति उनका मुद्दा न उठाने पर खफा है। फोरलेन संघर्ष समिति कुल्लू ने मुख्यमंत्री के कुल्लू दौरे से मांगे पूरी होने पर बड़ी उम्मीदें रखी थी। कुल्लू में समिति मिली भी, लेकिन मुख्यमंत्री ने एक भी शब्द फोरलेन प्रभावितों के हक में मंच पर नहीं बोला। समिति खफा हो गई। वहीं, फोरलेन संघर्ष समिति ने गुरुवार को आक्रोषित होकर सरकार के खिलाफ जन आक्रोश रैली निकाली। प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया है। दस दिन का अल्टीमेटम देकर मांगे पूरी करने को कहा गया है। यही नहीं, फोरलेन संघर्ष समिति कुल्लू के अध्यक्ष एवं भाजपा नेता दिनेश सेन ने सरकार पर भी निशाना साधा। उधर, कुल्लवी बोली में कहा कि अब टोल बदलाणी है। इसका भाव यह है कि आने वाले वक्त में सरकार को इसका सबक सिखाएंगे। आप ने संघर्ष समिति का जनआक्रोश रैली में समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को क्रेडिट नहीं लेने देंगे। लोगों के हक के लिए लाठी भी खाएंगे। जनता ने मुख्यमंत्री को ट्रेलर दिखाया है।
यही नहीं, फोरलेन के मुद्दे के साथ-साथ समिति के अध्यक्ष ने कहा कि हाल ही में राष्ट्र ध्वज का अपमान हुआ। राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की रस्म है। गाडिय़ों में ध्वज नहीं लगता है। 16 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज उतरने की बात कही थी, लेकिन आज भी राष्ट्रीय ध्वज का मिस यूज हो रहा है। उन्होंने कहा कि जनवरी से लेकर अब तक चार बार आंदोलन किए। बीते समय में हक की लड़ाई के लिए की गई भूख हड़ताल में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस व कम्यूनिस्ट आए, लेकिन भाजपा का कोई साथ नहीं मिला। 2017 में भाजपा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि फोरलेन प्रभावितों को उचित मुआवजा देंंगे, लेकिन आज तक कुछ नहीं मिला। अब फोरलेन संघर्ष समिति ने कहा कि जब भी सरकार की जनसभा होगी, तो उसमें मुख्यमंत्री को घोषणा करनी ही पड़ेगी। बुधवार को फोरलेन संघर्ष समिति ने सर्किट हाउस कुल्लू में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। बार-बार हो रही अनदेखी का जबाव आने वाले समय में दिया जाएगा।