क्या अगले तीन दिन में महाराष्ट्र में सरकार बना लेगी भाजपा? ये पांच बिंदु कर रहे इशारा

क्या अगले तीन दिन में महाराष्ट्र में सरकार बना लेगी भाजपा? ये पांच बिंदु कर रहे इशारा

महाराष्ट्र में सियासी घमासान

महाराष्ट्र की सियासत अब उफान पर पहुंच गई है। लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है। इस बीच कहा जा रहा है कि भाजपा अब महाराष्ट्र में सरकार बनाने के काफी करीब पहुंच चुकी है। कई ऐसे घटनाक्रम हैं जो इसकी ओर इशारा कर रहे हैं। आइए पांच पॉइंट्स में जानते हैं कि कैसे महाराष्ट्र में भाजपा के लिए सत्ता का दरवाजा खुलता हुआ दिख रहा है? 

1. राज ठाकरे के साथ जाएंगे बागी विधायक? : खबर है कि एकनाथ शिंदे का गुट राजनीति के नए विकल्प तलाश रहा है। शिवसेना के नाम पर राजनीति करने वाला शिंदे गुट ठाकरे नाम और हिंदुत्व दोनों को नहीं छोड़ना चाहता है। ऐसे में एकनाथ शिंदे गुट के 38 विधायक राज ठाकरे की पार्टी मनसे में शामिल हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एकनाथ शिंदे ने इस मसले पर राज ठाकरे से दो बार फोन पर बातचीत भी की है। इस बीच, शिंगे गुट ने उद्धव सरकार से समर्थन वापस लेने का भी एलान कर दिया है। माना जा रहा है कि अगर बागी विधायक राज ठाकरे के साथ जाते हैं तो मनसे और भाजपा मिलकर महाराष्ट्र में नई सरकार बना सकती है। 
 
2. केंद्रीय मंत्री का बयान : महाराष्ट्र में जारी संकट के बीच भाजपा ने पहली बार सरकार बनाने के संकेत दिए हैं। केंद्रीय मंत्री राव साहेब दानवे ने कहा कि मैं अब भी दो से तीन दिन तक विपक्ष में हूं। उनके इस बयान को सरकार बनाने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। 
जब दानवे ने ये बयान दिया तब महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी वहां मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘टोपे साहेब… मैं पिछले ढ़ाई साल से केंद्रीय मंत्री हूं और आप राज्य सरकार में मंत्री। इसलिए आप जो करना चाहते हैं, जल्दी करिए। मैं अगले दो से तीन दिन और विपक्ष में रहूंगा। तब तक मैं विपक्ष के नेता के तौर पर आपके बाद ही अपने विचार रखूंगा।’
 
महाराष्ट्र के राज्यपाल

3. राज्यपाल ने गृह सचिव को लिखी चिट्ठी : सियासी उठापठक के बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने बागी विधायकों की सुरक्षा को लेकर व्यवस्था करने का आग्रह किया है। 
कोश्यारी ने 25 जून को लिखे अपने पत्र में कहा है कि उन्हें शिवसेना के 38 विधायकों, प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो सदस्यों और सात निर्दलीय विधायकों से एक आवेदन मिला है जिसमें कहा गया है कि उनके परिवारों की पुलिस सुरक्षा अवैध और गैर कानूनी तरीके से वापस ले ली गई है। इससे विधायकों और उनके परिजनों पर खतरा बढ़ गया है। उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रहीं हैं। 
 
4. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है। आज इस मामले में अहम सुनवाई होनी है। दोनों पक्षों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दिग्गजों की फौज खड़ी की गई है। उद्धव ठाकरे गुट ने अभिषेक मनु सिंघवी तो शिंदे गुट ने हरीश साल्वे को वकील बनाया है। शिंदे गुट ने कोर्ट में दो-दो अर्जी दाखिल की है। इसमें शिंदे गुट ने विधानसभा उपाध्यक्ष की तरफ से 16 बागी विधायकों की अयोग्यता को लेकर हो रही कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। 

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता चंद्र प्रकाश पांडेय कहते हैं कि कोर्ट इस मामले में बड़ा फैसला दे सकता है। कोर्ट उद्धव ठाकरे गुट से बहुमत साबित करने के लिए कह सकता है। विधानसभा उपाध्यक्ष की कार्रवाई पर भी रोक लग सकती है। दोनों ही स्थिति में भाजपा को फायदा होगा। शिंदे गुट ने साफ कर दिया है कि वह भाजपा को ही समर्थन देंगे।