क्या इस दफा भी भाजपा J&K में करेगी आत्मघाती गोल या चेतन बरागटा होंगे गोलकीपर

शिमला, 21 सितंबर : विधानसभा उपचुनाव में करारी हार से सबक लेकर भाजपा जुब्बल व कोटखाई (J&K) में चेतन बरागटा दांव खेल सकती है। 2021 के उपचुनावों में भाजपा ने आत्मघाती निर्णय लेते हुए चेतन बरागटा का टिकट काटकर नीलम सरकैक को चुनावी मैदान में उतारकर फजीहत करवाई थी। भाजपा उम्मीदवार नीलम को मात्र 2644 वोटों पर ही सिमटना पड़ा था। वहीं पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़े निर्दलीय चेतन बरागटा, हालांकि जीत तो नहीं सके मगर 23 हजार 662 वोट लेकर रोहित को सम्मानजनक टक्कर दी थी।

        कहते हैं, दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है। शर्मनाक हार से सबक लेकर वैसे भाजपा ने चेतन बरागटा की घर वापसी करवा ली है। अब भाजपा को रिस्क लेकर चेतन बरागटा को मैदान में उतारती है, तो मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है। कांग्रेस दोबारा से रोहित ठाकुर पर दांव लगाएगी, इसमें कोई दो-राय नहीं है।

   जुब्बल व कोटखाई हॉट सीट मानी जाती है। चुनावों में यहां धन और बल का सबसे अधिक प्रयोग होता है। बता दें कि दिग्गज नेता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह को भी इसी विधानसभा क्षेत्र में एक बार हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट पर सबसे अधिक बार जीत दर्ज करने वाले पूर्व सीएम स्वर्गीय ठाकुर रामलाल ने जनता दल के टिकट पर वीरभद्र सिंह को पराजित कर दिया था। रामलाल ठाकुर 1967,1972, 1977, 1982, 1990,1993 व 1998 में यहां से विधायक रहे। एक दफा वह प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। उनके स्थान पर 1983 में स्वर्गीय वीरभद्र सिंह प्रदेश के पहली बार मुख्यमंत्री बने। बाद में रामलाल को आंध्र प्रदेश का गवर्नर बनाकर भेज दिया गया था। किन्हीं कारणों से उन्हें गवर्नर पद से हाथ धोना पड़ा था। दिवंगत रामलाल ठाकुर की सियासी विरासत मौजूद में उनके पोते रोहित ठाकुर संभाल रहे हैं।

 1985 में वीरभद्र सिंह जुब्बल- कोटखाई से कांग्रेस टिकट पर विधायक बने मगर 1990 के चुनाव में रामलाल ठाकुर ने जनता दल के टिकट पर स्वर्गीय वीरभद्र सिंह को पटखनी दी। लंबे राजनीतिक जीवन में वीरभद्र सिंह को मात्र एक बार चुनावी हार का मुंह देखना पड़ा। 2003 में यहां से रामलाल ठाकुर के निधन के बाद उनके पौत्र रोहित ठाकुर को कांग्रेस ने टिकट दिया। वह पहली बार विधानसभा की दहलीज लांघने में कामयाब हुए। उसके बाद 2007 में भाजपा के स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा ने पराजित कर दिया। फिर जीत-हार का क्रम चलता रहा।

      2012 में रोहित तो 2017 में नरेंद्र बरागटा ने इस सीट से जीत दर्ज की। 2021 में नरेंद्र बरागटा के निधन के चलते हुए उपचुनाव में भाजपा ने उनके पुत्र चेतन बरागटा को टिकट नहीं दिया। इस चुनाव में कांग्रेस के रोहित ठाकुर विजयी रहे। चेतन बरागटा  दूसरे व भाजपा की नीलम जमानत जब्त करवा तीसरे स्थान पर रही