क्या CM के सिक्सर को बाउंड्री पर लपकने में सफल होंगे चेतराम…

शिमला, 27 अक्तूबर : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की डगर को कांग्रेस मुश्किल भरा बनाने की जद्दोजहद में है। चच्योट विधानसभा क्षेत्र में लगातार जीत की हैट्रिक बना चुके जयराम ठाकुर इस बार सिराज विधानसभा क्षेत्र (Siraj Assembly Constituency) से भी हैट्रिक बनाने की तैयारी में हैं।

    मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लगातार छठी जीत हासिल करने की तैयारी में हैं। वहीं, कांग्रेस ने  बाउंड्री से पहले ही चेतराम ठाकुर को कैच लपकने की जिम्मेदारी दी हुई है।

दरअसल, इसका आधार 2017 का विधानसभा चुनाव भी हो सकता है। हालांकि, मंडी के सिराज विधानसभा के मतदाताओं को उस समय रत्ती भर भी इस बात का इल्म नहीं था कि जिस व्यक्ति को वो दशकों से लगातार विधायक चुनते आ रहे हैं, वो अचानक ही मुख्यमंत्री (CM) की कुर्सी पर काबिज हो जाएगा।

2017 की तुलना में इस सीट पर मौजूदा चुनाव में ये फर्क है कि यहां से भाजपा ने प्रत्याशी को सीएम कैंडिडेट (CM Candidate) घोषित किया हुआ है। मंडी के दुर्गम इलाकों में शुमार सराज विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का निशाना ये है कि 2017 में जयराम ठाकुर के खिलाफ 38.44 प्रतिशत वोट पड़े थे, जबकि मौजूदा मुख्यमंत्री को 56.27 प्रतिशत मत मिले थे।

आजाद उम्मीदवार ने भी 3.51 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे। इसके अलावा एक अन्य आजाद व बहुजन समाज पार्टी ने क्रमशः 412 व 332 वोट हासिल किए थे। 378 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था। 2022 के चुनाव में कांग्रेस ने 2017 के प्रत्याशी को पुनः मैदान में उतारा है। 2012 के चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी तारा ठाकुर थी।

2017 की तुलना में कांग्रेस की प्रत्याशी ने अधिक वोट हासिल किए। कांग्रेस को 43.42 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे, जबकि जयराम ठाकुर ने 53.38 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे। सीपीएम व बीएसपी (BSP) भी तकरीबन 3 प्रतिशत वोट लेने में सफल हुई थी।

 सीएम कैंडिडेट होने की वजह से जयराम ठाकुर को लाभ मिलने की अटकलें हैं तो कांग्रेस 2017 के अंकगणित के बूते करिश्माई परिणाम लाने की कोशिश में जुटी है।

ये है 10 साल का लेखा-जोखा.
हम आपको बता चुके हैं सिराज विधानसभा क्षेत्र पहले चच्योट विधानसभा क्षेत्र के नाम से पहचान रखता था। पुनर्सीमांकन के बाद जयराम ठाकुर का निर्वाचन क्षेत्र बदल गया था। लेकिन 1998 से वर्चस्व कायम रखने में सफल रहे हैं। 2012 में जयराम ठाकुर को 30,837 वोट पडे़ थे, जबकि कांग्रेस की तारा ठाकुर ने 25,085 वोट लिए थे। सीपीएम व बीएसपी का वोट शेयर 1850 रहा।

भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर जयराम ठाकुर 2012 की तुलना में 2017 में वोट प्रतिशतता को बढ़ाने में सफल हो गए थे। जयराम ठाकुर की वोट प्रतिशतता 53.38 की तुलना में 56.27 प्रतिशत हो गई, जबकि कांग्रेस को 5 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। 2012 के 43.42 प्रतिशत की तुलना में 2017 में कांग्रेस ने 38.44 प्रतिशत वोट हासिल किए।

1993 के बाद….
चच्योट व सिराज विधानसभा क्षेत्रों के विगत इतिहास के मुताबिक 1993 के बाद कांग्रेस ने ये सीट नहीं जीती है। हालांकि, 1993 में जयराम ठाकुर ने कांग्रेस को टक्कर दी थी, लेकिन जीत का सेहरा कांग्रेस के दिवंगत नेता मोतीराम ठाकुर के सिर बंधा था।

कांग्रेस प्रत्याशी ने 28.75 प्रतिशत वोट हासिल किए थे, जबकि जयराम ठाकुर को 23.11 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। निर्दलीय प्रत्याशी वीर सिंह ने 16.17 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। इसके अलावा एक अन्य निर्दलीय प्रत्याशी शिव लाल ने भी 16.3 प्रतिशत वोट प्राप्त किए।

निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चेतराम ठाकुर ने 9.85 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था, जबकि बहुजन समाज पार्टी के बीर सिंह ने भी 4.95 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। यानि, मैदान में उतरे तमाम 6 प्रत्याशियों ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया था। इस चुनाव के बाद ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मतदाताओं में ऐसा प्रभाव बनाया कि चच्योट के बाद सिराज से भी चुनाव जीतते आ रहे हैं।

50 साल का हिसाब…
50 साल के इतिहास में चच्योट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस तीन बार ही चुनाव जीती। 1972 में कर्म सिंह विधायक बने थे। इसके बाद 1977 में कांग्रेस विरोधी लहर में मोती राम चुनाव जीते। 1982 में मोती राम ने निर्दलीय प्रत्याशी (independent candidate) के तौर पर चुनाव जीता। 1985 में कांग्रेस को जीत मिली थी।  1993 के बाद कांग्रेस ने जीत का मुंह नहीं देखा।

उधर, सिराज विधानसभा क्षेत्र में तो कांग्रेस जीती ही नहीं है। पुनर्सीमांकन के बाद 2012 व 2017 में जयराम ठाकुर ही जीते। खास बात ये रही कि 1998 में 38.74 प्रतिशत वोट हासिल करने वाले जयराम ठाकुर की ये प्रतिशतता 2017 में 56.27 प्रतिशत तक पहुंच गई। यानि, लंबे समय तक लोकप्रियता (Popularity) को बनाए रखा। साथ ही वोट प्रतिशत में इजाफा भी करते रहे। अमूमन, ऐसा नहीं होता है।

जयराम ठाकुर हिमाचल  भाजपा के प्रमुख नेताओं में शुमार रहे हैं, जिन्होंने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और युवा मोर्चा करते हुए प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष रहे तक का सफर भी तय किया।

सीएम जयराम ठाकुर व चेतराम की चल अचल संपत्ति 

हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) एक बार फिर सिराज से चुनावी रण में उतरे हैं। भाजपा उम्मीदवार के अपना नामांकन पत्र भरने वाले जयराम ठाकुर छह करोड़ से अधिक संपति के मालिक हैं। उनकी चल एवं अचल संपति करीब 6.28 करोड़ है। जयराम ठाकुर की धर्मपत्नी साधना ठाकुर भी करोड़पति हैं। वहीं उनकी दोनों बेटियों के नाम 44-44 लाख की चल संपति है।

              जयराम ठाकुर ने नामांकन पत्रों के साथ दाखिल किए गए चुनावी हलफनामे में अपने पास 1.79 करोड़, पत्नी के पास 1.28 करोड़ और पहली बेटी के नाम 44.34 लाख और दूसरी बेटी के नाम 44.59 लाख की चल संपति होने की घोषणा की है। इसमें उनकी बैंक जमा एवं नकदी भी शामिल है। मुख्यमंत्री के पास सेविंग के नाम पर 10 पॉलिसियां हैं। इसके अलावा तीन सोने की चेन, जिनकी कीमत तीन लाख 10 हजार है, जबकि उनकी पत्नी के पास 17 लाख की कीमत का 375 ग्राम सोना है।

           हलफनामे के अनुसार मुख्यमंत्री की अचल संपति 1.79 करोड़ और उनकी पत्नी की 52.50 लाख है। इसमें मंडी जिला के थुनाग में कृषि व गैर कृषि जमीन, मंडी में ही सात बिस्वा में बना एक घर भी जयराम ठाकुर के नाम पर है। मुख्यमंत्री ने अपने घर का मौजूदा बाजार मूल्य 65 लाख रुपये बताया है। शिमला में भी एक घर है, जो मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी दोनों के नाम पर है। मुख्यमंत्री के ऊपर 26 लाख 88 हजार 280 रुपये का हाउस लोन है, जिसे उन्होंने विधानसभा से लिया है। वितीय वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री ने 28 लाख 69 हज़ार 90 रुपये और उनकी धर्मपत्नी ने 32 लाख 76 हज़ार 28 रुपये का आयकर भरा है।

             कांग्रेस पार्टी ने सिराज हल्के से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के खिलाफ चेत राम को अपना उम्मीदवार बनाया है। 62 वर्षीय चेतराम की चल एवं अचल संपति करीब 1.14 करोड़ रुपये है। चुनावी हलफनामे के मुताबिक चेतराम के नाम 84 लाख की अचल संपत्ति है। इसमें 14-14-9 बीघा जमीन और दो घर शामिल हैं। वहीं उनके परिवार के नाम 29.41 लाख की चल संपत्ति है। चेतराम के पास नामांकन के दौरान 1.20 लाख की नकदी सहित विभिन्न बैंकों में 9.95 लाख की चल संपति है। उनके पास 4 लाख कीमत की एक टवेरा गाड़ी भी है। उनकी पत्नी के नाम 12.46 लाख की चल संपति है। वहीं आश्रित की चल संपति सात लाख है। चेतराम पर 9.64 लाख और उनके आश्रित पर 7 लाख की देनदारियां हैं।

पहले था चच्योट विधानसभा क्षेत्र….

वर्ष 2008 में डिलिमिटेशन के बाद ये सीट अस्तित्व में आई। इससे पहले इस  ये विधानसभा सीट चच्योट के नाम से पहचान रखती थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में जय राम ठाकुर इस क्षेत्र के विधायक चुने गए। परंपरागत तौर पर ये इलाका बीजेपी का गढ़ रहा है। मौजूदा में सीएम कैंडिडेट होने की वजह से जयराम ठाकुर का दबदबा बढ़ा है।

दिवंगत मोती राम ठाकुर

कांग्रेस के मोतीराम ठाकुर के निधन के बाद कांग्रेस यहां वापसी नहीं कर पाई। उनके निधन के बाद से ही जयराम ठाकुर लगातार चुनाव जीत रहे हैं।

मुद्दे …

निर्वाचन क्षेत्र में स्कूल, सड़क, स्वास्थ्य जैसी  सुविधाओं की दरकार रहती है। सीएम के गृह क्षेत्र में सेब का उत्पादन भी होता है। सरकार ने सेब उत्पादकों के लिए विशेष ध्यान दिया या नहीं इसका फैसला जनता 12 नवंबर को मतदान के माध्यम से करेगी।

ये मतदाता करेंगे निर्णय… 

सिराज विधानसभा क्षेत्र में 83775 मतदाता है। इसमें 43150 पुरुष जबकि 40625 महिला मतदाता है। पुराने चुनावों को आधार माना जाये तो 2022 के चुनाव में वोट परसेंटेज 80 से 85 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।