Giriraj Singh In Chhindwara: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को इस बार बीजेपी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। गिरिराज को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने छिंदवाड़ा में जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी है। छिंदवाड़ा कांग्रेस का अभेद किला है।
छिंदवाड़ा: बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने वैसी सीटों को चिह्नित किया है, जहां उसे कभी जीत नहीं मिली है। उन सीटों की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्रियों को दी गई है। एमपी में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को दी गई है। 1951 के बाद से एक उपचुनाव को छोड़ दें तो बीजेपी को कभी यहां जीत नहीं मिली है। छिंदवाड़ा कमलनाथ का गढ़ है, यहां बीजेपी का हर दांव फेल हो जाता है। ऐसे में हिंदूवादी नेता गिरिराज सिंह को यहां की जिम्मेदारी दी गई है। आइए आपको समझाते हैं कि छिंदवाड़ा में कमलनाथ का तिलिस्म कैसे गिरिराज सिंह तोड़ेंगे।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी एमपी में 29 में से 28 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। हर बार की तरह एक सीट छिंदवाड़ा को हार गई थी। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट इस बार कमलनाथ खुद चुनाव नहीं लड़े थे। उनकी जगह पर उनके बेटे नकुलनाथ उम्मीदवार थे। उन्होंने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। छिंदवाड़ा में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी पूरी ताकत झोंक देती है लेकिन कभी सफलता नहीं मिली है। 2024 में बीजेपी की कोशिश है कि छिंदवाड़ा को फतह कर लिया जाए। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने छिंदवाड़ा फतह करने की जिम्मेदारी गिरिराज सिंह को दी है।
गिरिराज सिंह 18 अगस्त को छिंदवाड़ा पहुंच जाएंगे। यहां पहुंचने के बाद वह तीन दिनों तक पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मंथन करेंगे। साथ ही क्षेत्र को समझने की कोशिश करेंगे। वह सबसे पहले छिंदवाड़ा के सौसर पहुंचेंगे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री एल मुरूगन भी रहेंगे। यहां पहुंचने के बाद गिरिराज सिंह विश्व प्रसिद्ध चमत्कारी हनुमान मंदिर जाम सांवली में पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद बैठकों में भाग लेंगे। फिर अलग-अलग इलाकों में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलेंगे।
70 सालों में एक उपचुनाव जीती पार्टी
बीजेपी छिंदवाड़ा लोकसभा में 1951 के बाद से ही जीत के लिए तरस रही है। 1951 से ही इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। 1997 में पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा ने एक बार उपचुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद बीजेपी कभी यहां चुनाव नहीं जीत पाई। छिंदवाड़ा में 1980 से कमलनाथ का दौर शुरू हुआ है। वहां से कमलनाथ, उनकी पत्नी और बेटे नकुलनाथ लगातार लोकसभा चुनाव जीत रहे हैं। कमलनाथ को छिंदवाड़ा में पटखनी देने के लिए बीजेपी ने हर कोशिश की लेकिन सब बेकार साबित हुई हैं। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कड़ी टक्कर दी थी। नकुलनाथ को 5,87,305 वोट मिले थे। वहीं, बीजेपी उम्मीदवार नत्थन शाह कवरेती को 549769 वोट मिले थे। इस बार मार्जिन 40 हजार से भी कम वोटों का था। इससे पहले यह मार्जिन एक लाख से अधिक वोटों का रहा है।
2019 के मार्जिन से जगी उम्मीद
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हार का अंतर बहुत कम था। यह स्थिति तब थी, जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। ऐसे में बीजेपी नेतृत्व को उम्मीद है कि इस बार पहले से कोशिश करें तो 2024 में सफलता मिल सकती है। जानकार बताते हैं कि बीजेपी छिंदवाड़ा में इस बार राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ हिंदुत्व का तड़का लगाने की कोशिश कर रही हैं। शायद यही वजह से फायरब्रांड हिंदूवादी नेता गिरिराज सिंह को यहां मैदान में उतारा है।
हिंदुत्व के सहारे मिलेगी जीत?
छिंदवाड़ा आदिवासी बाहुल्य जिला है। यहां के सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। इस बार मेयर चुनाव में भी कांग्रेस ने जीत हासिल की है। 70 सालों में बीजेपी ने यहां सारे प्रयोग कर लिए हैं। गिरिराज सिंह को यहां की जिम्मेदारी देकर शायद बीजेपी हिंदुत्व के सहारे 2024 में जीत हासिल करना चाहेगी। हिंदुत्व के मुद्दे पर गिरिराज सिंह हमेशा मुखर रहते हैं। वह तीन दिवसीय यात्रा की शुरुआत भी हनुमान मंदिर से ही कर रहे हैं। इससे साफ संदेश है कि यहां हिदुत्व ही 2024 में सहारा होगा।
राष्ट्रवाद भी बनेगा मुद्दा
कयास लगाए जा रहे हैं कि गिरिराज सिंह छिंदवाड़ा में कमलनाथ को कुछ विवादित मुद्दों पर भी घेरने की कोशिश करेंगे। पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक बार कह दिया था कि भारत महान नहीं, बदनाम है। इसे लेकर काफी बवाल हुआ था। इसके साथ ही महिलाओं को लेकर भी उन्हें विवादित बयान दिए थे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह राष्ट्रवाद के मुद्दे पर मुखर रहते हैं। छिंदवाड़ा में इन मुद्दों पर भी वह कमलनाथ को घेर सकते हैं।
कमलनाथ के पास भी हिंदुत्व का काट
वहीं, कमलनाथ भी छिंदवाड़ा में हिंदुत्व का काट खोज रखे हैं। वह खुद को हनुमान भक्त बताते हैं। कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में हनुमान जी की ऊंची प्रतिमा भी लगवाया है। साथ ही यहां विशेष पूजा अर्चना भी करते रहते हैं। वक्त-वक्त पर जताते भी रहते हैं कि हम सबसे बड़े हनुमान भक्त हैं। आयोध्या में जब राम मंदिर निर्माण की घोषणा हुई थी तो उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय को सजवाया था। साथ ही चांदी की ईंटें भी दान की थी।
गिरिराज सिंह को चैलेंजिंग टॉस्क
बीजेपी नेतृत्व ने इस बार केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को सबसे चैलेंजिंग काम दिया है। कांग्रेस के अभेद किले को ध्वस्त कर भगवा झंडा लहराने की जिम्मेदारी उन्हें दी है। अब देखना होगा कि गिरिराज सिंह पार्टी नेतृत्व के भरोसे पर कितना खरा उतरते हैं। इस बार गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में भी समीकरण बदल गया है।