क्या जयराम ठाकुर छठी बार सिराज से जीतकर हिमाचल पर करेंगे राज..!

शिमला, 18 अक्तूबर : सीएम जयराम ठाकुर की गृह विधानसभा सिराज को पहले चच्योट के नाम जाना जाता था। डी-लिमिटेशन के बाद इसे सिराज नाम दिया गया। मंडी के रिमोट विधानसभा क्षेत्रों में शुमार सिराज को इससे पहले भी एक बार प्रदेश को मुख्यमंत्री देने का मौका मिला था। मगर स्वर्गीय डॉ वाईएस परमार की चाणक्य नीति  के चलते सिराज वासियों के हाथ से ये मौका छिटक गया था।

जी हाँ ये बड़ा दिलचस्प वाक्या है। उस समय  चच्योट से जीतकर ठाकुर कर्म सिंह मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हुए थे लेकिन वो मौके को भूना न सके। मंडी के ही कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं ने उनकी राह में ऐसे रोड़े अटकाए कि लगभग सिराज को मुख्यमंत्री पाने के लिए तकरीबन 45 वर्षों का लंबा इंतजार करना पड़ा।

जयराम ठाकुर ने 2017 में लगातार 5वीं जीत के साथ मुख्यमंत्री बनने का गौरव सिराज वासियों के नाम किया। इस बार जयराम ठाकुर लगातार छठी बार विधायक बनकर दोबारा सीएम बन रिवाज बदलने के लिए कमर कस चुके है। जयराम ने सबसे पहले वर्ष 1998 में पहली बार विधानसभा की दहलीज पार की थी। जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह लगातार 2003,2007,2012 व 2017 में भी विजयी रहे।

उधर, कांग्रेस को मोती राम के बाद सिराज में कोई सशक्त उम्मीदवार नहीं मिला है। पिछली दफा यहां कांग्रेस ने चेत राम को उतारा था मगर वो चुनाव हार गए थे। इस दफा कांग्रेस यहां से कभी प्रतिभा सिंह को चुनाव में उतारने की बात कह रही है तो कभी कोई अन्य सशक्त उम्मीदवार को। मगर फ़िलहाल चेतराम के अलावा सिराज से कोई अन्य कांग्रेसी जयराम के खिलाफ चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।

विधानसभा के राजनीतिक इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो यहां से मोती राम चार बार विधायक बने। कर्म सिंह ठाकुर कांग्रेस के टिकट पर 1972 में विधायक बने। उनके बाद 1977,1982,1990,1993 में मोतीराम ठाकुर विधायक रहे। उनके अलावा शिवलाल भी 1985 में एक बार विधायक का चुनाव जीते। मिशन रिपीट को लेकर सिराज के मतदाताओं में काफी जोश है। क्योंकि वह दोबारा मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं चूकना चाहते।