इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) का खजाना तेजी से खाली हो रहा है और उस पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है. पाकिस्तान के लिए विदेशी कर्ज चुकाना मुश्किल हो गया है और ऐसा लग रहा है कि वह जल्द ही दिवालिया (bankrupt) हो सकता है.
पाकिस्तान भी श्रीलंका की तरह अपनी इकोनॉमी को बचाने में नाकाम हो सकता है. अगर उसे किसी देश से बड़ा कर्ज मिल जाए तो शायद कुछ दिनों के लिए उसकी स्थिति सुधर सकती है, लेकिन इसके आसार अब कम हैं.
पाकिस्तानी मीडिया की खबरों की मानें तो बीते दो हफ्तों में पाकिस्तान के दिवालिया होने का खतरा बढ़ गया है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने बताया है कि पाकिस्तान पर 4.88 अरब डॉलर का बकाया है. इधर पाकिस्तान का चालू खाता घाटा तेजी से बढ़ रहा है. ऐसी आशंका है कि जून 2022 तक पाकिस्तान का चालू खाता घाटा 3 अरब डॉलर हो जाएगा.
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22.62 करोड़ डॉलर था विदेशी मुद्रा भंडार
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के जून महीने के डेटा के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है. जून में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 22.62 करोड़ डॉलर था. जो तेजी से घटकर मई तक आते-आते केवल 10 अरब डॉलर हो गया है. पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा का भंडार खाली हो गया है. बीते 8 सप्ताह में ही स्टेट बैंक से 6 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा खत्म हुई है. ऐसे में अगर पाकिस्तान को बड़ी सहायता नहीं मिली तो वह दिवालिया हो जाएगा.
पाकिस्तान हर तिमाही पर ले रहा कर्ज
पिछले महीने चीन से 2.3 अरब डॉलर का कर्ज मिलने के बावजूद स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में काफी गिरावट रही. पाकिस्तान के हर तिमाही बढ़ रहे विदेशी कर्ज से संकेत मिलता है कि सरकार अपने विदेशी कर्जों को चुकाने के लिए उच्च दरों पर कर्ज ले रहा है.
दिवालिया होने से कोई बचा नहीं पाएगा
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान का बजट घाटा 5 खरब रुपए के करीब हो गया है जबकि चालू खाता घाटा 20 अरब डॉलर है. ऐसे में पाकिस्तान को अगर मदद नहीं मिली तो उसे दिवालिया होने से कोई बचा नहीं पाएगा. पाकिस्तान में बेरोजगारी और अधिक बढ़ सकती है.