क्‍या चीन के साथ मिलकर अमेरिका को चुनौती देंगे रूस के राष्‍ट्रपति पुतिन, जानिए क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

रूस और यूक्रेन की जंग (Russia-Ukraine War) के दौरान ही पिछले दिनों यूक्रेन के चार हिस्‍सों को राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने रूस की सीमा में मिलाने का ऐलान किया है। इससे एक बात साबित हो गई है कि पुतिन एक नई तरह से अब दुनिया का सिस्‍टम बदलने की कोशिशें कर रहे हैं।

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मॉस्‍को: पिछले दिनों जब रूस ने दक्षिणी और पूर्वी यूक्रेन पर कब्‍जे का ऐलान किया तो बहुत से लोगों ने इसे अपनी-अपनी तरह से देखा। कई लोगों का माना है कि यह ऐलान सिर्फ राजनीतिक नौटंकी के तौर पर है। रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को किसी भी प्रांत पर कोई जीत हासिल नहीं हुई है जैसा कि उनकी तरफ से दावा किया जा रहा है। विशेषज्ञ यह भी मान रहे हैं कि रूस कभी भी इन प्रांतों पर अपनी पकड़ तक नहीं बना पाया। जैसे ही पुतिन ने बंटवारे का ऐलाल किया, यूक्रेन ने नाटकीय तरीके से पुतिन को शर्मिंदा करते हुए लाइमैन से अपनी सेना को पीछे कर दिया जो कि डोनेट्स्क ओब्लास्ट प्रांत में आता है। साफ है कि फिलहाल यह युद्ध जारी है और यह कब खत्‍म होगा, किसी को भी नहीं मालूम।

परेशान हैं कई देश
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो पुतिन अक्‍सर ही राजनीतिक और अध्‍यात्मिक तरह से संदेश देते हैं जो कि सिर्फ एक गपबाजी होता है। उनका संदेश पश्चिमी देशों के कई नेताओं को काफी बेतुका भी लगता है और बहुत ही कम लोग इस पर ध्‍यान देते हैं। इससे बेखबर पुतिन को लगता है कि रूस एक महान धर्मयुद्ध लड़ रहा है। पुतिन को उम्‍मीद है कि एक दिन के चीन के नेता इस युद्ध में उनके साथ आएंगे। अगर ऐसा होता है तो फिर पश्चिमी देशों को परेशान होने की जरूरत है।

परमाणु खतरे के अलावा अमेरिका और यूरोप को यह समझना होगा कि रूस की महत्‍वाकांक्षाएं कितनी बढ़ गई हैं। विदेश नीति के जानकार यह मानते हैं कि पुतिन इतने क्षमतावान हैं कि वह पश्चिम की कमजोरी का फायदा उठा सकते हैं। हाल ही में पुतिन ने परमाणु हथियारों से जुड़ी टिप्‍पणी की है। इससे कई लोग अंदाजा लगा रहे हैं या तो उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है या फिर वह मनावैज्ञानिक तौर पर बीमार हैं। ये भी हो सकता है कि वह परमाणु हथियारों का प्रयोग कर लें।

पुतिन के भाषण ने डराया
परमाणु हथियारों का प्रयोग युद्धक्षेत्र की स्थितियां को बदल देगा। यूक्रेन ने परमाणु हमले के नुकसान को कम करने के लिए अपनी सेना को सावधानी से तैनात किया है। रूस ने युद्ध में जीत हासिल करने के लिए निचले स्‍तर पर कई हमले किए हैं। महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के हमले या जोपोरिज्जिया में परमाणु रिएक्टर पर हमला हो, पुतिन काफी सोच समझकर आगे बढ़ रहे हैं। इस बात के सुबूत मौजूद हैं कि रूस सक्रियता से किसी परमाणु हमले की तैयारी कर रहा है या फिर उसकी न्‍यूक्लियर फोर्स हाई अलर्ट पर है।

हाल ही में अपने भाषण में, पुतिन ने कहा था कि रूस सभी जरूरी संसाधनों से अपने क्षेत्र की रक्षा करेगा। उन्होंने हालांकि स्‍पष्‍ट तौर पर परमाणु हथियारों का कोई जिक्र नहीं किया। उन्‍होंने इस भाषण में अगस्त 1945 में अमेरिका की तरफ से जापान पर हुए हिरोशिमा और नागासाकी को परमाणु हमले की भी बात की। उन्‍होंने कहा था कि इस हमले ने सबके सामने एक उदाहरण पेश किया है।

प्रभुत्‍व को चुनौती
द्वितीय विश्व युद्ध में प्रशांत थिएटर में युद्ध को खत्‍म करने के लिए अमेरिका ने जापान में युद्ध के मैदान पर ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया। इसलिए माना जा रहा है कि पुतिन भी यूक्रेन पर ऐसे हमले का आदेश दे सकते हैं। पुतिन का कहना था कि जापान पर परमाणु हमला डराने और धमकाने के लिए किया गया था। पुतिन इस समय पश्चिमी देशों को ज्‍यादा तरजीह नहीं दे रहे हैं। बल्कि चीन और ईरान जैसी दूसरे देशों के साझा हितों पर चर्चा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि पुतिन अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बारे में जो पश्चिम के प्रभुत्व को चुनौती देंगे।