क्या संजय राउत के भाई भी शिंदे खेमे में होंगे शामिल? बगावत की अटकलों पर सुनील राउत ने तोड़ी चुप्पी

सुनील राउत के बारे में कल अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे भी जल्द गुवाहाटी जाकर शिवसेना के बागियों का साथ दे सकते हैं।

संजय राउत और सुनील राउत

महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच शिवसेना नेता संजय राउत के भाई सुनील राउत ने उन्हें लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया। सुनील राउत ने साफतौर  कहा कि वह गुवाहाटी में मौजूद शिवसेना के गद्दारों का मुंह देखने वहां नहीं जाएंगे। 

सुनील राउत वरिष्ठ शिवसेना नेता संजय राउत के छोटे भाई हैं। वे विक्रोली सीट से शिवसेना विधायक हैं। सुनील राउत के बारे में कल अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे भी जल्द गुवाहाटी जाकर शिवसेना के बागियों का साथ दे सकते हैं। राउत ने सोमवार को कहा कि ‘मैं गुवाहाटी क्यों जाऊं? इसके बजाए मैं प्राकृतिक सुंदरता देखने के लिए गोवा जाना पसंद करूंगा। मैं एक शिव सैनिक हूं और आखिरी सांस तक पार्टी के लिए काम करूंगा।’ उन्होंने कहा कि नारायण राणे और राज ठाकरे जो चाहें सब कह सकते हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे निश्चित रूप से जीतेंगे। मैं शिवसेना में था और इस पार्टी में रहूंगा। 
राज ठाकरे के संपर्क में शिंदे गुट
महाराष्ट्र में पिछले एक सप्ताह से चल रहे सियासी ड्रामे के बीच नए समीकरण बनते दिख रहे हैं। खबर है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला बागी गुट राज ठाकरे के संपर्क में हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र में नए राजनीतिक  विकल्प की तलाश शुरू हो गई है। शिंदे गुट ठाकरे नाम और हिंदुत्व दोनों को नहीं छोड़ना चाहता है। ऐसे में एकनाथ शिंदे गुट के 38 विधायक राज ठाकरे की पार्टी मनसे में शामिल हो सकते हैं। 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एकनाथ शिंदे ने इस मसले पर राज ठाकरे से दो बार फोन पर बातचीत भी की है। खबरों के मुताबिक शिंदे गुट का राज ठाकरे की मनसे में विलय दो दिन पहले देवेंद्र फडणवीस से एकनाथ शिंदे की गुपचुप मुलाकात में ही तय हो गया था। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में देश के गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे। भले ही एकनाथ शिंदे के पास शिवसेना के 38 बागी विधायकों का समर्थन हो, लेकिन नई पार्टी के रूप में उनको मान्यता मिलना आसान नहीं है। ऐसे में शिंदे गुट राष्ट्रपति चुनाव से पहले इस मसले को हल करना चाहता है।