क्या कोरोना के नए वैरिएंट्स पर कारगर होगा बूस्टर डोज, इस रिसर्च ने खड़े किए सवाल

भारत में कोरोना संक्रमण कई राज्यों में बढ़ता हुआ दिख रहा है। देश में अब भी संक्रमितों की संख्या दो हजार के आसपास बनी हुई है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

भारत में कोरोना संक्रमण कई राज्यों में बढ़ता हुआ दिख रहा है। देश में अब भी संक्रमितों की संख्या दो हजार के आसपास बनी हुई है। हालांकि, सक्रिया केस फिलहाल 20 हजार से कम हैं, लेकिन हर दिन नए वैरिएंट्स सामने आने से लोगों में डर बढ़ गया है। दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए-नए वैरिएंट्स सामने आने के बाद एक सवाल यह भी उठ रहा है कि कोरोना वैक्सीन की दो या बूस्टर सहित तीनों डोज लगवाने वाले लोग क्या कोरोना के इन नए वैरिएंट्स से सुरक्षित हैं?

कई देशों में ओमिक्रॉन के बीए.4 और बीए.5 वैरिएंट के अलावा भी कुछ नए वैरिएंट्स सामने आ चुके हैं। इनमें एक्सई, रिकॉम्बिनेंट वैरिएंट एक्सबीबी, बीक्यू.1 बीएफ.7 आदि भी शामिल हैं। ये वैरिएंट तेजी से फैल रहे हैं। वहीं, इनकी संक्रमित करने की रफ्तार भी काफी ज्यादा है। दूसरे देशों के साथ-साथ भारत में इन नए वैरिएंट्स के कुछ केस देखने को मिल रहे हैं, जिसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी चिंता में डाल दिया है कि कोरोना वैक्सीन इन नए वैरिएंट पर प्रभावी होगी या नहीं।
दरअसल, 25 अक्तूबर 2022 को द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना के ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट बीए.1 और बीए.2 के मुकाबले दिसंबर 2021 में दक्षिण अफ्रीका में सामने आए ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट बीए.4 और बीए.5 पर कोरोना की वैक्सीन का असर कम है। ये ही दो वैरिएंट हैं, जो ज्यादा संक्रामक हैं। दोनों वैरिएंट न केवल अमेरिका, बल्कि वैश्विक स्तर पर फिलहाल कोरोना के मामले बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं।

हालांकि, इस मामले में भारत समेत दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा किए गए डाटा के अनुसार इन नए वैरिएंट्स पर मौजूदा वैक्सीन बहुत ज्यादा असरदार नहीं हैं। जिन वैक्सीन में ओमिक्रॉन भी डाला गया है, वे भी इन सब वैरिएंट्स के खिलाफ अच्छी तरह कारगर नहीं पाई गई हैं। हालांकि एक अच्छी बात यह है कि ओमिक्रोन के ये नए वैरिएंट संक्रामक जरूर हैं, लेकिन घातक नहीं हैं। इनमें अभी तक मरीजों के लिए अस्पताल में भर्ती होने या आईसीयू और वेंटिलेटर की जरूरत नहीं महसूस की गई। इन वैरिएंट्स से संक्रमित व्यक्ति घर पर ही ठीक भी हो रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण कम नहीं हुआ है। कोई भी वैक्सीन कोरोना की घातकता या गंभीरता को तो कम करती है, लेकिन इसके संक्रमण को नहीं रोकती है। ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी यही है कि इसके संक्रमण की चेन को बीच में रोक दिया जाए।

भारत में एक दिन में कोविड-19 के 1,326 नए मामले सामने आने से देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,46,53,592 पर पहुंच गई है। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 17,912 रह गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, सोमवार सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से आठ और मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 5,29,024 हो गई है। इन आठ मृतकों में वे पांच लोग भी शामिल हैं, जिनके नाम संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल ने वैश्विक महामारी से जान गंवाने वाले मरीजों की सूची में जोड़े हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.04 प्रतिशत है, जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वालों की राष्ट्रीय दर बढ़कर 98.78 प्रतिशत हो गई है। बीते 24 घंटे में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 405 की कमी दर्ज की गई है। मंत्रालय के अनुसार, संक्रमण की दैनिक दर 1.59 फीसदी, जबकि साप्ताहिक दर 1.08 फीसदी दर्ज की गई है। वहीं, कोविड-19 से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,41,06,656 हो गई है, जबकि मृत्यु दर 1.18 प्रतिशत दर्ज की गई है।