विजय सिन्हा देंगे इस्तीफा या फिर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना? बिहार के संसदीय इतिहास में बनेगा इतिहास

Bihar News: सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू-महागठबंधन सरकार (Nitish Kumar Govt) 24 अगस्त को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए तैयार है। इसे 243 सदस्यीय विधानसभा में एक निर्दलीय सहित सात दलों के 164 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इस बीच स्पीकर विजय सिन्हा को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।

पटना: बिहार में सरकार बदलने के 12 दिन बाद भी विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Bihar Assembly Speaker Vijay Sinha) ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। ऐसे में सत्ताधारी महागठबंधन के 55 विधायकों ने उन्हें हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। आमतौर पर, सरकार बदलने के बाद मौजूदा अध्यक्ष बीच में ही पद से इस्तीफा दे देते हैं। हालांकि, विजय सिन्हा जिस तरह से मैदान में अब तक डटे हैं, उससे माना जा रहा कि वह सदन में अपना पक्ष रखने का इंतजार कर रहे। 24 अगस्त से बिहार विधानसभा का विशेष सत्र (Bihar Assembly Session) है। नए समीकरण बनने के बाद विधानसभा में विजय सिन्हा के पक्ष में बीजेपी के 76 सदस्य ही हैं, वहीं विरोध में सत्तापक्ष के 164 सदस्य हैं।

आरजेडी प्रवक्ता बोले- विजय सिन्हा को पद छोड़ देना चाहिए
पूरे मामले में आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह ने कहा कि विजय सिन्हा को सम्मानजनक तरीके से अपना पद छोड़ना चाहिए। हमें आश्चर्य है कि वह डटे रहकर क्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। नियमों के अनुसार, स्पीकर सिन्हा विधानसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता नहीं कर सकते, जबकि उन्हें हटाने का प्रस्ताव सदन में विचाराधीन है।

24 अगस्त से दो दिवसीय विधानसभा सत्र
कुछ वरिष्ठ विधायकों ने कहा कि अगर विजय सिन्हा 24 अगस्त को शुरू होने वाले दो दिवसीय विशेष सत्र से पहले स्पीकर पद से इस्तीफा नहीं देते हैं, तो विधानसभा में एक अजीबोगरीब और अपनी तरह की पहली स्थिति पैदा होगी। बिहार के संसदीय इतिहास में पहला मौका होगा जब विधानसभा अध्यक्ष को सत्ता पक्ष के अविश्वास का सामना करना पड़ेगा।

55 विधायकों ने स्पीकर के खिलाफ दिया अविश्वास प्रस्ताव
विजय सिन्हा के खिलाफ महागठबंधन के 55 से अधिक विधायकों की ओर से प्रस्ताव 10 अगस्त को असेंबली में प्रक्रिया और कार्य संचालन के रूल 110 के तहत विधानसभा सचिवालय को पेश किया गया था। इन विधायकों ने कहा कि वर्तमान स्पीकर विशेष विधानसभा सत्र की अध्यक्षता करने में सक्षम नहीं हो सकते। उन्होंने ये भी बताया कि अगर अध्यक्ष की अनुपस्थिति में, उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी जो जेडीयू से हैं, विधानसभा कार्यवाही की अध्यक्षता करेंगे।

क्यों बनेगा इतिहास, पूर्व स्पीकर विजय चौधरी ने बताया
नीतीश सरकार में संसदीय मामलों के मंत्री और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अगर विजय सिन्हा इस्तीफा नहीं देते हैं और सदन में बहुमत सदस्यों की ओर से समर्थित अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से उन्हें हटा दिया जाता है, तो यह बिहार असेंबली के साथ-साथ लोकसभा के इतिहास में पहला मामला होगा।

नीतीश सरकार को 164 विधायकों का समर्थन
सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू-महागठबंधन सरकार 24 अगस्त को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए तैयार है। इसे 243 सदस्यीय विधानसभा में एक निर्दलीय सहित सात दलों के 164 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इसमें आरजेडी के 79 विधायक हैं, जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19, सीपीआई-एमएल, हम-एस के 4, सीपीआई के 2 और सीपीएम के 2 विधायक हैं। निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह नीतीश सरकार में मंत्री हैं।

24 अगस्त को महागठबंधन विधायकों की बैठक
विजय चौधरी ने बताया कि हमने विधानसभा सत्र के पहले दिन 24 अगस्त की शाम को सीएम आवास पर महागठबंधन के विधायकों की एक संयुक्त बैठक बुलाई है। सरकार का समर्थन करने वाले सभी 164 विधायकों के साथ उनके वरिष्ठ नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। सीपीआईएमएल विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि विश्वास मत के दौरान पार्टी के सभी 12 विधायक विधानसभा में मौजूद रहेंगे और सरकार का समर्थन करेंगे।