जीत-हार होती रहती है, असली स्पोर्ट्स तो ये खेल भावना है… फेडरर-नडाल के आंसू देख तैर गई वो 5 तस्वीरें

टेनिस के महान खिलाड़ी रोजर फेडरर लेवर कप में आखिरी बार खेलते हुए दिखे। 22 ग्रैंड स्लैम खिताब जीत चुके फेडरर करियर के आखिरी मैच के बाद अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख सके और फूट-फूट कर रोने लगे। सिर्फ फेडरर ही नहीं इस खेल में उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंदी रहे राफेल नडाल अपने आंसुओं को नहीं रोक सके। खेल जगत में ऐसी ही कुछ लम्हे हुए जब खिलाड़ियों ने अपनी महानता से दुनिया को अविस्मरणीय और भावनात्मक क्षण दिए।

  • करियर के आखिरी मैच के बाद भावुक हुए फेडरर

    करियर के आखिरी मैच के बाद भावुक हुए फेडरर

    टेनिस के दो महारथियों रोजर फेडरर और राफेल नडाल ने एक-दूसरे के बगल में बैठकर हाथ पकड़कर एक साथ रोते हुए लोगों को एक और अविस्मरणीय पल दिया जिसे भविष्य में भी कभी नहीं भूला जा सकेगा। लंदन के ओ टू एरेना में एक भी आंख ऐसी नहीं थी जो नम नहीं हो जहां फेडरर ने लेवर कप के दौरान टेनिस के खेल से अश्रुपूर्ण विदाई ली। यह अविस्मरणीय और भावनात्मक क्षण था। जो खिलाड़ी फौलाद के बने प्रतीत होते थे वे भावनाओं में पिछड़ते नजर आ रहे थे।

     

  • बच्चों की तरह फूट-फूट कर रोए फेडरर और नडाल

    बच्चों की तरह फूट-फूट कर रोए फेडरर और नडाल

    कोई संकोच नहीं था, कोई शर्म नहीं थी। यह ऐसा ही अवसर था। जब फेडरर अपना आखिरी मैच खेलने के बाद अपने साथियों, अपने प्रशंसकों और परिवार का शुक्रिया अदा करने लगे तो उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े और फिर वह जोर-जोर से रोने लगे। यह अविस्मरणीय क्षण था, आखिर फेडरर भी इंसान ही हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि ये दोनों टेनिस कोर्ट पर कदम रखने वाले सबसे कड़े प्रतिद्वंद्वी रहे जिन्होंने खेल को फिर से परिभाषित किया।

     

  • झूलन के विदाई मैच में अपने आंसुओं को नहीं रोक पाईं हरमनप्रीत

    झूलन के विदाई मैच में अपने आंसुओं को नहीं रोक पाईं हरमनप्रीत

    ऐसा ही कुछ भारतीय क्रिकेट महिला क्रिकेट टीम दिग्गज तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी जब अपने आखिरी मैच खेलने के लिए मैदान पर उतरी तो उनके साथ खिलाड़ी आंसुओं के अपने सैलाब को नहीं रोह पाईं। झूलन के आखिरी मैच में टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर भावुक हो गईं और अपने आंसुओं को नहीं रोक पाई।

     

  • क्रिकेट भगवाान भी हुए थे भावुक

    क्रिकेट भगवाान भी हुए थे भावुक

    भारतीय क्रिकेट टीम के महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने अपने 24 साल के करियर में इतने रिकॉर्ड बनाए कि पूरी किताब लिखी जा सकती है। इसीलिए सचिन ने जब साल 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच खेलकर अपने घरेलू मैदान वानखेड़े स्टेडियम में विदाई ली तो हर किसी की आंखे भर आई थी। ये वो पल था जब क्रिकेट जगत ने इससे पहले कभी नहीं देखा था। खुद सचिन भी अपने आखिरी मैच के बाद भावुक हो गए थे।

     

  • पीवी सिंधु की खेल भावना को देखकर खुद रोक नहीं पाईं उनकी विरोधी

    पीवी सिंधु की खेल भावना को देखकर खुद रोक नहीं पाईं उनकी विरोधी

    ऐसा ही एक भावुक पल बैडमिंटन कोर्ट पर देखने को मिला था जब भारत की स्टार पीवी सिंधु ने अपने खेल भावना से सबका दिल जीत लिया और विरोधी खिलाड़ी हार कर भी सिंधु की कायल हो गईं। दरअसल टोक्यो ओलिंपिक में महिला सिंगल्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली ताइवान की ताइ जु यिंग को पीवी सिंधु ने गले से लगाया था। फाइनल में हारने के कारण ताइ जु यिंग काफी दुखी थीं। मेडल सेरेमनी के बाद सिंधु ने ताइ जु यिंग का हौसला बढ़ाते हुए उन्हें गले से लगा लिया था, जिससे उनकी आंखों से आंसू निकल आए थे। सिंधु ने टोक्यो ओंलिपिक में विमेंस सिंगल्स का ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

     

  • नम आंखों के साथ टेनिस के क्वीन ने कहा था अलविदा

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    नम आंखों के साथ टेनिस के क्वीन ने कहा था अलविदा

    रोजर फेडरर के अलावा महिला टेनिस में अपना वर्चस्व स्थापित करने वाली सेरेना विलियम्स ने भी यूएस ओपन में खेलकर संन्यास का ऐलान कर दिया था। अपने करियर में 23 ग्रैंड स्लैम खिताब जीत चुकी सेरेना ने यूएस ओपन के तीसरे दौर में हार के साथ अपने करियर का अंत किया। सेरेना ने 41 साल की उम्र में भी अपने विरोधी को कड़ी टक्कर दी लेकिन मैच में आखिर में जब उनका शॉट नेट पर लगा तो उनकी आंखें भी छलक उठी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह मेरे लिए अब तक का सबसे अविश्वसनीय सफर रहा है। मैं उस हर व्यक्ति की आभारी हूं जिसने सेरेना आगे बढ़ो, कह कर मेरा हौसला बढ़ाया।