कभी साबुन-तेल बनाती थी Wipro, फिर कैसे पकड़ी तकनीक की राह और खड़ा कर दिया अरबों का कारोबार

नई दिल्‍ली. विप्रो (Wipro) कंपनी का नाम तो सुना ही होगा और नाम सुनते ही आपके जेहन में एक दिग्‍गज आईटी कंपनी घूम जाती होगी, लेकिन कभी इसका पूरा नाम जानने की कोशिश की है. विप्रो का पूरा नाम है वेस्‍टर्न इंडियन पाम रिफाइंड ऑयल लिमिडेट. अब चौंक गए न कि कैसे आईटी क्षेत्र की दिग्‍गज कंपनी का नाम पाम रिफाइंड तेल से जुड़ा है.

विप्रो ने 2021 में 4 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण प्राप्‍त कर लिया था. ‍

इससे जानने के लिए हम आपको आजादी के साल सन 1947 में ले चलते हैं. तब अजीम प्रेमजी के पिता एमएच हाशम प्रेमजी ने एक पुरानी मिल में वन‍स्‍पति तेल कंपनी के रूप में इसकी नींव रखी थी. 1966 में हाशम प्रेमजी के निधन के बाद 21 वर्षीय अजीम प्रेमजी ने कंपनी की जिम्‍मेदारी संभाली. अमेरिका से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर आए अजीम प्रेमजी ने कंपनी को वेस्‍टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्‍ट्स लिमिटेड के नाम से फास्‍ट मूविंग कंज्‍यूमर गुड्स (एफएमसीजी) के रूप में स्‍थापित किया.

तब इस कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 2 करोड़ डॉलर था और यह वनस्‍पति तेल, धुलाई का साबुन, मोम, टीन कंटेनर जैसे उत्‍पाद बनाती थी. कंपनी धीरे-धीरे ग्रोथ हासिल करने लगी लेकिन अजीम प्रेमजी इससे खुश नहीं थे और लगातार नए अवसरों की तलाश में थे.

जनता पार्टी सरकार ने दिलाया मौका
यह साल 1977 था जब देश में जनता पार्टी की सरकार आई और आईटी कंपनी आईबीएम को देश छोड़ने के लिए बोल दिया. इंजीनियरिंग डिग्री हासिल किए अजीम प्रेमजी ने इस अवसर को दोनों हाथों लपका और कंप्‍यूटर हार्डवेयर की राह पकड़ ली. 1979 में उन्‍होंने कंपनी का पहला कंप्‍यूटर बनाया और अपने उत्‍पादों की बिक्री शुरू की. दो दशक में ही विप्रो देश की सबसे बड़ी कंप्‍यूटर निर्माता कंपनी बन गई. अमेरिकी कंपनी सेंटीनेल कंप्‍यूटर से तकनीक हासिल कर अपने कारोबार को और उन्‍नत बनाया. साल 2000 तक विप्रो न्‍यूयॉर्क के स्‍टॉक एक्‍सचेंज में लिस्‍टेड हो गई.

आईटी के साथ बीपीओ कारोबार
कंपनी ने कंप्‍यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के साथ बीपीओ कारोबार के जरिये ग्राहक सेवाओं पर भी जोर दिया. अमेरिकी कंपनियां जो काम 130 डॉलर प्रति घंटे शुल्‍क के साथ करतीं थी, उसे विप्रो महज 100 डॉलर प्रति घंटे में निपटाने लगी. इससे कंपनी के पास ग्‍लोबल ऑफर्स की बाढ़ आ गई और देखते ही देखते यह देश में आईटी क्षेत्र की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई.

अभी कहां खड़ी है कंपनी
जुलाई, 2022 में जारी आंकड़ों के अनुसार, विप्रो अभी दुनिया की 556वीं सबसे ज्‍यादा वैल्‍यू वाली कंपनी है. इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 29.85 अरब डॉलर (करीब 2.35 लाख करोड़ रुपये) है. अक्‍तूबर 2021 में कंपनी का मार्केट कैप 4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था और ऐसा करने वाली यह देश की तीसरी आईटी कंपनी थी. कंपनी के स्‍टॉक मार्केट में 54 हजार करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर हैं. साल 2021 के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के पास देश-विदेश में कुल 2,31,671 कर्मचारी हैं. कंपनी के मौजूदा सीईओ थियरी डेलापोर्टे हैं, जिनकी सैलरी अभी 79.8 करोड़ रुपये है.