With BJP coming on the back foot the CPI-M came out and supported the Kisan Sangharsh Samiti in solan

भाजपा के बैक फुट आने पर , माकपा ने सामने आ कर किसान  संघर्ष समिति को दिया समर्थन 

नगर निगम के मुद्दे को लेकर गाँव वासियों का संघर्ष काफी समय से चल रहा है | क्योंकि नगर निगम में सोलन शहर के साथ लगती आठ पंचायतों को शामिल किया जा रहा था जिसके चलते सभी गाँव वासी मिल कर संघर्ष कर रहे थे | इस संघर्ष समिति के अध्यक्ष  भाजपा नेता कांति स्वरूप शर्मा थे | जिनकी अध्यक्षता में भाजपा नेता और  गाँववासी उपयुक्त सोलन को ज्ञापन सौंपने पहुंचे पीछे से  गाँव वासियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारे लगा दिए जिसकी वजह से भाजपा नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का डंडा चला | संघर्ष समिति के अध्यक्ष कांति शर्मा ने सफाई दी कि कांग्रेस और माकपा  नेता संघर्ष के नाम पर राजनीति कर रहे है उन्होंने ही षड्यंत्र के तहत इस संघर्ष को राजनितिक रंग दिया |

इस लिए वह इस समिति को भंग करते है | जैसे ही  भाजपा नेता ने संघर्ष समिति को भंग किया उसके  तुरंत बाद ही पर्दे की पीछे से माकपा  सेंट्रल कमेटी के सदस्य  टिकेंद्र पंवर  सामने आ गए और आज सोलन में प्रेस वार्ता का आयोजन कर नगर निगम का विरोध किया | आप को बता दें कि टिकेंद्र पंवर खुद शिमला नगर निगम के डिप्टी मेयर रह चुके हैं | 

 

                          माकपा  सेंट्रल कमेटी के सदस्य  टिकेंद्र पंवर  ने  नगर निगम में सोलन की आठ पंचायतों  को शामिल करने का विरोध किया और कहा कि अगर इन पंचायतों को निगम में शामिल किया जाएगा तो गाँव वासियों को अपने अधिकारों से वंचित होना पड़ेगा | उन्हें किसानों से जुडी किसी भी तरह की योजनाएं नहीं मिलेंगी | उन पर अनावश्यक टैक्स का दवाब पड़ेगा | उन्होंने कहा कि सरकार के पास विकास को लेकर कोई मास्टर प्लान नहीं है | गाँव नगर निगम की शर्तों को पूरा नहीं कर रहे है | उनके साथ सरकार जबरदस्ती कर रही है | विकास के नाम पर गावों को विनाश के रास्ते पर धकेल रही है | इस लिए माकपा आज से किसान संघर्ष समिति को अपना समर्थन देती है | 

जब तक भाजपा नेता किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष थे तब तक माकपा और अन्य राजनैतिक दल पर्दे के पीछे थे लेकिन जैसे ही भाजपा ने अपने कदम पीछे हटाए पर्दे के पीछे से माकपा नेता अब सामने आ गए है और अब खुल कर किसान संघर्ष समिति को अपना समर्थन दे दिया है | जिसे देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि नगर निगम के मुद्दे पर अब वोटों और राजनीती का खेल आरम्भ हो चुका है |