पेंशनरों की संशोधित ग्रेच्युटी व कम्यूटेशन रोकना तर्कसंगत नहीं…डाॅ. तंवर

शिमला, 11 अक्तूबर : पहली जनवरी 2016 के उपरांत रिटायर हुए उम्रदराज कर्मचारियों की संशोधित ग्रेच्युटी व कम्यूटेशन को रोक दिया गया है, जिसे रोकना तर्कसंगत नहीं है। क्योंकि यह रिटायर कर्मचारी अपने जीवन के चौथे पड़ाव पर पहुंच चुके हैं।

रिटायर कर्मचारियों को बीते कई वर्षों से उम्मीदें है कि संशोधित ग्रेच्युटी और कम्यूटेशन मिलने से वह अपने जीवन-यापन के लिए कोई कारोबार आरंभ करेंगे। कुछ रिटायर कर्मचारियों ने अपने बच्चों के पढ़ाई, ट्रेनिंग व शादी करवाने की योजना बनाई थी। परंतु संशोधित ग्रेच्युटी और कम्यूटेशन न मिलने से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है, जिसके चलते पेंशनर्स में सरकार के प्रति रोष व्याप्त है।

सेवानिवृत अधिकारी एवं किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. कुलदीप तंवर ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार रैलियां करवाने पर करोड़ों रुपए व्यय कर रही है, परंतु सरकार को किसान बागवान और कर्मचारी की कोई चिंता नहीं है।

बताया जा रहा है कि जिस प्रकार सरकार ने बीते एक साल से कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के एरियर देने पर उलझाया है। इसका खामियाजा सरकार को आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा।

उधर, त्योहारी सीजन में हर परिवार को पैसे की जरूरत होती है परंतु सरकार ने एरियर के नाम पर कर्मचारी और पेंशनरों को झुनझुना थमा दिया है। डाॅ. कुलदीप तंवर ने बताया कि 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के उम्रदराज रिटायर कर्मचारियों को सरकार द्वारा विशेष 5 से 15 का पेंशन में लाभ दिया है, जिसका वह स्वागत करते हैं।

पेंशनर्स अमीं चंद, धर्मदास, राजेश कुमार, नरेश कुमार, मोहिन्द्र, प्रेमचंद सहित अनेक लोगों का कहना है कि छठे वेतन आयोग को लागू करने को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को उलझाया है, जोकि उचित नहीं है। अनेक पेंशनर्स के मामले एजी कार्यालय में लंबित पड़े हैं। डाॅ. तंवर सहित सभी पेंशनर्स ने सरकार से मांग से की है कि संशोधित ग्रेच्युटी और कम्यूटेशन का भुगतान एकमुश्त किया जाए।