महिला श्रधालु को मंदिर में सोने ना दिए जाने पर महिला ने किया हंगामा

महिला श्रधालु को मंदिर में सोने ना दिए जाने पर महिला ने किया हंगामा

तहसील लड़भडोल के प्रसिद्ध संतान दात्री मां सिमसा मंदिर में आज उस समय हंगामा हो गया जब एक महिला ने छलांग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। मौके पर मौजूद लोगों ने महिला को रोका। ग्राम पंचायत सिमस के प्रधान विवेक जसवाल भी मौके पर पहुंचे।
पार्वती नामक महिला जो गोरखपुर से अपने पति के साथ संतान दात्री मां सिमसा में संतान प्राप्ति की कामना से 4 दिन
पहले आई हुई थी।
पार्वती ने बताया कि नवरात्रि के समाप्ति तक माता ने स्वप्न में दर्शन नहीं दिए थे अब मंदिर कमेटी के सदस्यों द्वारा उन्हें मंदिर में सोने की इजाजत नहीं दी गयी।
पार्वती ने कहा कि वे गरीब परिवार से संबंध रखती हैं तथा संतान प्राप्ति की कामना से माता सिमसा के दरबार पहुंची जिसके लिए उन्हें ₹15000 का कर्ज भी लेना पड़ा।अब उनके पति की नौकरी भी जा चुकी है और मंदिर कमेटी की ओर से सोने की इजाजत नहीं दी जा रही। इस बारे में शारदा माता मंदिर कमेटी के प्रधान विनोद राय ने बताया कि मंदिर कमेटी की ओर से मंदिर में सोने वाले सभी श्रद्धालु महिलाओं को बताया गया था कि रामनवमी तक ही वे मंदिर में धरने पर बैठ सकती है। उक्त महिला तथा अन्य दो महिलाएं बहुत दूर से आई थी । महिलाओं के बहुत आग्रह करने पर मंदिर के पुजारियों द्वारा उन्हें दशहरे तक मंदिर में सोने की आज्ञा दी गई। विनोद राय ने यह भी बताया कि इन तीनों महिलाओं को माता ने स्वपन में फल स्वरुप बच्चे दे दिए हैं। विनोद राय का कहना है कि नवरात्रों में ही महिलाओं को माता स्वपन देती है। परंतु कुछ दुकानदार और कुछ पुजारी लोग व्यवसायीकरण और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसका महत्व दे रहें हैं कि कभी भी महिलाएं धरने पर बैठ सकती हैं।उन्होंने कहा कि उक्त महिला अगर आज नहीं जाना चाहती है और मंदिर में ही रुकना चाहती है तो उसके लिए पुजारियों की एक बैठक होगी जिसमें निर्णय लिया जाएगा। महिला की आस्था को ठेस न लगे इसलिए महिला को जब तक सपना नहीं हो जाता तब तक मंदिर में सोने दिया जाएगा परंतु इसके अलावा किसी अन्य महिला को इजाजत नहीं दी जाएगी।+