मेघालय और असम में रहने वाली इस जनजाति का नाम खासी है। इस जनजाति में लड़कों की जगह लड़कियों की इज्जत ज्यादा होती है। इस जनजाति में महिलाओं का राज चलता है और महिलाओं की बात को सबसे अधिक वैल्यू दी जाती है।
शादी के बाद आमतौर पर लड़कियां अपना सरनेम बदलती हैं, लेकिन खासी जनजाति में शादी के बाद लड़के अपना सरनेम बदलते हैं। बच्चों का नाम मां के सरनेम पर ही रखा जाता है।
आमतौर भारत में शादी के बाद लड़कियों की विदाई होती है, लेकिन इस जनजाति में दूल्हे की विदाई होती है। जन्म के बाद लड़कियों को जानवर के अंगों के साथ खेलना होता है और उसके आभूषण बनाए जाते हैं।