वडोदरा के रहने वाले बिजल दवे एक पिज्जा रेस्त्रां चलाते हैं.यहां 45 प्रकार के पिज़्ज़ा बनाया जाता है. अपने इस काम से वो हर महीने लगभग 2 लाख रुपये कमा लेते हैं. कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले दवे 5 लोगों को रोज़गार दे रहे हैं और अपने लिए 40 हज़ार महीना कमा रहे हैं. लेकिन यहां तक पहुँचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, दवे को नौकरी न मिलने की वजह से उस्न्होने केन्या का रुख किया. वहां उन्होंने एक होटल में बर्तन धोने और सब्जियां काटने का काम किया. वहां काम करते हुए उनकी पहचान एक इटालियन कस्टमर से हुई. उसने उन्हें कांगो में अपने पिज्जा रेस्तरां में नौकरी की पेशकश की.
वहां उन्होंने पिज़्ज़ा बनाना भी सीख लिया. इसके बाद उन्होंने पार्टनरशिप में अपनी खुद की पिज़्ज़ा की दुकान खोली. लेकिन कांगो उपद्रवियों का केंद्र था. एक बार उन्होंने उनकी पूरी दुकान जला डाली. इसके बाद उन्होंने वापस लौट अपने देश में ही कुछ करने का फैसला लिया. वह मार्च 2019 में वडोदरा लौट आए. वो वापस इटालियन पिज़्ज़ा बनाने की कला के साथ वापस लौटे थे. इसीलिए उन्होंने एक पिज़्ज़ा दुकान खोलने का फैसला किया.
कम पैसों के चलते उन्होंने अपनी बिल्डिंग कंपाउंड के खुले स्थान में ग्लस्टोस पेजेरिया नाम से एक रेस्त्रां खोला. उनका ये काम चल पड़ा और आज वो 5 लोगों को रोज़गार भी दे रहे हैं. उनका यकीन है कि जल्द ही उनकी शहर के कई इलाकों में मेरे रेस्टोरेंट की फ्रेंचाइजी होंगी.
हिम्मत न हारने वालों की कभी हार नहीं होती है.