साई मार्ग कडूवाणा स्थित एक ऑल आउट बनाने वाले उद्योग ने अपनी तानाशाही दिखाते हुए 5 से 26 साल तक अपनी सेवाएं देने वाले कामगारों का अचानक बिना किसी प्री नोटिस के ही उद्योग से बाहर का रास्ता दिखा दिया। 1 सितंबर को जब क ामगार रोज क ी तरह अपनी डयूटि पर आए तो उन्हें सुरक्षा कर्मियोंं ने यह कहकर उद्योग से बाहर कर दिया कि उद्योग बंद हो चुका है व तुम्हारा रोजगार समाप्त हो चुका है।
कामगारोंं ने इसकी शिकायत श्रम अधिकारी बददी को भी दी व इसके विरोध में कडु़वाणा से लेकर श्रम कार्यालय झाड़माजरी तक विरोध रैली निकाली व उद्योग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उद्योग के कामगारों नवनीत, राजकुमार, नरेश कुमार, प्रेम लाल, राम लाल, गगन दीप, दीपक , कुसूम लता, नीरा, अमित कुमार अन्य का कहना है कि इस उद्योग में कार्य करने वाले कामगार 5 साल से लेकर 25 साल तक पुराने है व उद्योग को इस यहां तक पहूंचाने में अपना खून पसीना बहाया है।
पहले तेा उद्योग प्रबन्धन उन्हें बी.आर. एस. के लिए मजबूर कर रहा था व जब कामगार नहीं माने तो उन्होंने 80 कामगारों के पेेट पर लात मार कर उद्योग को किसी ठेकेदार को संभाल दिया । उन्होंने कहा कि अगर उन्हें रोजगार नहीं दिया जाता है तो कम से कम इतनी राशि दी जाए जिससे उनके परिवार का पालन पोषण व बच्चों की पढ़ाई चल सके ।
क ामगारों का कहना है कि हमारा सरकार से अनुरोध है कि मल्टीनैश्रल कंपनी पर कोई ऐसा कानून बनाया जाए कि यह कंपनियां अपने लाभ लिए कामगारों का शोषण न कर सके व साथ- साथ सरकार उन्हेंं जल्द से जल्द न्याय दिला सके।श्रम अधिकारी मनीश करोल का कहना है कि उद्योग प्रबन्धन व कामगारों में समझौता वार्ता रखी थी जो कि उद्योग प्रबन्धन द्वारा उचित डाक्युमेंट न लाने के चलते बेनतीजा रही । दोनों पक्षों को कल दोबारा बुलाया गया है व उम्मीद है कि मामला सुलझ जाएगा।