World Heart Day: दिल की असली दुश्मन हैं ये 5 चीजें, Cardiologist ने माना इन्हें खाने से जल्दी आता है हार्ट अटैक

Diet plan for healthy heart: आज पूरी दुनिया में विश्व हृदय दिवस यानी वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day) मनाया जा रहा है। फोर्टिस हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी डॉक्टर कमल गुप्ता के अनुसार, दिल से जुड़े रोगों के मामले में खाने-पीने का अहम रोल है। हेल्दी डाइट फॉलो करके आप दिल से जुड़े रोगों के जोखिम को कम कर सकते हैं।

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World Heart Day: दिल की असली दुश्मन हैं ये 5 चीजें, Cardiologist ने माना इन्हें खाने से जल्दी आता है हार्ट अटैक

दिल से जुड़े रोगों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। अब सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं बल्कि बच्चे और युवा भी इसका शिकार हो रहे हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौत दिल के रोगों की वजह से होती है। दिल से जुड़े विभिन्न रोगों की वजह से हर साल करीब 17.9 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है।

दिल से जुड़े रोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस यानी वर्ल्ड हार्ट डे ( World Heart Day) मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि दिल से जुड़े रोगों का जोखिम करने के लिए कारण, जोखिम और बचाव के तरीकों के बारे में पता होना बहुत जरूरी है।

दिल को स्वस्थ रखने के तरीकेफरीदाबाद स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में प्रधान सलाहकार कार्डियोलॉजी डॉक्टर कमल गुप्ता के अनुसार, दिल से जुड़े रोगों के मामले में खाने-पीने का अहम रोल है। कुछ चीजें दिल को स्वस्थ रखती हैं, तो कुछ हानिकारक साबित हो सकती हैं। एक बार अगर आपको यह पता चल जाए कि किस प्रकार का भोजन ज्‍यादा करना है और किससे बचना है, तो आप निश्चित ही अपने हृदय रोगों के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

फास्ट फूड से बचें

कम कैलोरी-युक्‍त, पोषक तत्‍वों से भरपूर जैसे कि फलों एवं सब्जियों का सेवन अधिक करें। अधिक कैलोरीयुक्‍त, अधिक सोडियम युक्‍त भोजन की मात्रा घटा दें, जैसे कि रिफाइंड, प्रोसैस्‍ड या फास्‍ट फूड कम खाएं।

अनहैल्‍दी फैट्स की मात्रा नियंत्रित करें

अधिक ब्‍लड कलेस्‍ट्रॉल की वजह से आर्टरीज़ में प्‍लाक जमा होने लगता है, जिसे एथेरोस्‍क्‍लेरॉसिस कहते हैं, जिसकी वजह से हार्ट अटैक और स्‍ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ट्रांस फैट जैसे कि वनस्‍पति घी या बार-बार एक ही तेल को इस्‍तेमाल करने से बचें। पोषण संबंधी निर्देशिका के अनुसार, सैचुरेटैड फैट की मात्रा हर दिन की कुल कैलोरी खुराक के 10 प्रतिशत से कम होनी चाहिए।

कुकीज, केक आदि से बचें

कुकीज, केक, फ्रॉस्टिंग्‍स, क्रैकर्स और चिप्‍स आदि का फूड लेबल्‍स अवश्‍यक जांचें। इनमें न सिर्फ पोषण गुण कम होते हैं बल्कि कइयों में ट्रांस फैट्स भी मिले होते हैं। अब भोजन में ट्रांस फैट्स को मिलाने की अनुमति नहीं हैं।

एक ही तरह का तेल न खाएं

इसी तरह, आप बार-बार बदलकर कुकिंग ऑयल इस्‍तेमाल करें, जैसे कभी सनफ्लावर तो अगली बार सैफफ्लावर, सोयाबीन, ओलिव या मस्‍टर्ड ऑयल का प्रयोग करें। मस्‍टर्ड ऑयल (सरसों का तेल) अधिक तापमान (250 डिग्री सेंटीग्रेड तक) पर भी स्थिर रहता है। जो भी तेल इस्‍तेमाल करें, उसकी मात्रा सीमित रखें क्‍योंकि सभी तरह के तेलों में कैलोरी की अधिक मात्रा होती है।

नमक (सोडियम) की मात्रा घटाएं

अधिक मात्रा में नमक के सेवन से हाइ ब्‍लड प्रेशर की आशंका बढ़ सकती है जो कि हार्ट रोगों का कारण हो सकता है। नमक (सोडियम) का सेवन कम करना सेहतमंद हृदय के लिहाज़ से काफी महत्‍वपूर्ण है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की सलाह है कि प्रत्‍येक स्‍वस्‍थ वयस्‍क को हर दिन 2,300 मिलीग्राम (मिग्रा) से अधिक सोडियम (लगभग एक चाय का चम्‍मच) का सेवन नहीं करना चाहिए।

फलों एवं सब्जियों का सेवन ज्‍यादा करें

सब्जियां तथा फल विटामिन और मिनिरल्‍स के अच्‍छे स्रोत होते हैं। फलों एवं सब्जियों में कैलोरी की मात्रा भी कम होती है और ये अधिक रेशेदार होते हैं। ऐसे में अधिक फल और सब्‍जी का सेवन कर आप अपने नियमित खानपान से अधिक कैलोरीयुक्‍त भोजन जैसे कि मांस, पनीर और स्‍नैक फूड्स को कम कर सकते हैं।

साबुत अनाज चुनें

साबुत अनाज फाइबर के अच्‍छे स्रोत होते हैं और इनमें पोषक तत्‍व भी काफी मात्रा में मौजूद होते हैं जो आपके ब्‍लड प्रेशर तथा हृदय की सेहत के लिए अच्‍छे होते हैं। लेकिन आपको सफेद और रिफाइंड आटा, सफेद ब्रैड, मफिन्‍स, फ्रोज़न मफिन्‍स, कॉर्नब्रैड, डोनट्स, बिस्किट्स, क्विक ब्रैड्स, केक्‍स, पाइ, एग नूडल्‍स, बटरयुक्‍त पॉपकॉर्न से बचना चाहिए।

प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं

लीन मीट, पोल्‍ट्री और फिश, लो-फैक्‍ट डेरी प्रोडक्‍ट्स तथा अंडे प्रोटीन के अच्‍छे स्रोत होते हैं। कुछ मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की मात्रा भरपूर होती है जो शरीर में ब्‍लड फैट्स, जिन्‍हें ट्राइग्लिसराइड्स कहते हैं, को कम कर सकते हैं। अन्‍य स्रोतों में फ्लैक्‍सीड, वॉलनट, सोयाबीन तथा कैनोला ऑयल शामिल है। बीन्‍स, पी और लेंटिल्‍स भी प्रोटीन के ऐसे स्रोत हैं जिनमें वसा (फैट) कम होता है और इनमें कलेस्‍ट्रोल भी नहीं होता, इस प्रकार ये मांस (मीट) के अच्‍छे विकल्‍प होते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।