World Oldest Person: दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला का निधन, दो विश्‍वयुद्ध और कोरोना महामारी को दी थी मात

Lucile Randon World Oldest Person Dies: फ्रांस में रहने वाली लुसिले रैंडन का निधन हो गया है। रैंडन 118 साल की थीं और उन्‍हें दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला का खिताब मिला हुआ था। रैंडन ने दो व‍िश्‍वयुद्ध और कोरोना महामारी को मात दी थी। फ्रांस के टोउलोन शहर में पेशे से नर्स रैंडन का निधन हुआ।

Lucile-Randon
दुनिया की सबसे लुसिले रैंडन उम्रदराज मह‍िला का निधन

पेरिस: दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला लुसिले रैंडन का 118 साल की उम्र में निधन हो गया है। रैंडन ने दूसरे विश्‍वयुद्ध और कोरोना वायरस महामारी को मात दी थी। फ्रांस में नन रैंडन का जन्‍म साल 1904 में हुआ था। रैंडन कोरोना से संक्रमित हो गई थी लेकिन वह इससे बच गई थीं। बताया जा रहा है कि रैंडन का उनके टोउलोन स्थित नर्सिंग होम में सोते समय निधन हो गया। अभी कुछ महीने पहले ही रैंडन ने सबसे बुजुर्ग इंसान का विश्‍व रेकॉर्ड तोड़ दिया था।

गिनीज वर्ल्‍ड रेकॉर्ड ने आधिकारिक रूप से अप्रैल 2022 में माना था कि जापानी महिला काने टनाका की मौत के बाद रैंडन की दावेदारी को स्‍वीकार किया था। उस समय सिस्‍टर एंद्रे के नाम से मशहूर रैंडन ने कहा था कि वह चाहती हैं कि एक अन्‍य फ्रांसीसी महिला जीन कालमेंट को पीछे छोड़ दिया जाए। जीन का साल 1997 में 122 साल की अवस्‍था में निधन हो गया था। नर्सिंग होम के अधिकारी डेविड टावेल्‍ला ने कहा कि बहुत दुखद खबर है लेकिन वह अपने प्‍यारे भाइयों के पास जाना चाहती थीं। उनके लिए यह एक मुक्ति है।’

26 साल की उम्र में कैथोलिक पं‍थ को अपनाया

रैंडन का जन्‍म उस समय हुआ था जब न्‍यूयॉर्क में पहला सबवे खोला गया था और टूर डी फ्रांस रेस केवल एक बार हुई थी। वह एक प्रोटेस्‍टेंट परिवार में पैदा हुई थीं। उनके तीन भाई थे और वह एलेस कस्‍बे में रहती थीं। उनकी सबसे खुशनुमा याद अपने भाइयों से मिलन की थी। उन्‍होंने अपने 116वें जन्‍मदिन पर इसका खुलासा किया था। रैंडन पेरिस में अमीरों के बच्‍चों के लिए अध्‍यापिका का काम किया था। उन्‍होंने इसे अपने जीवन का सबसे सुखद समय करार दिया था। उन्‍होंने 26 साल की उम्र में कैथोलिक पं‍थ को अपना लिया था।

उन्‍होंने 41 साल की उम्र में नन बनने का फैसला किया जो काफी देरी से लिया गया माना जाता है। रैंडन को विची के एक हॉस्पिटल में तैनात किया गया था। इस अस्‍पताल में उन्‍होंने 31 साल की उम्र तक काम किया। इसके बाद वह भूमध्‍यसागर के तट पर बसे टोउलोन में बस गईं। नर्सिंग होम में रहने के दौरान रैंडन प्रार्थना करती थीं और लोगों से मिलती जुलती रहती थीं। नर्सिंग होम में वह 81 अन्‍य मरीजों के साथ कोरोना पॉजिटिव हो गई थीं। उन्‍होंने कोरोना को मात दी और ठीक हो गईं।