ऑस्टियोपोरोसिस में फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है.
नई दिल्ली: बढ़ती उम्र के साथ कई तरह की शारीरिक बीमारियां भी खड़ी होने लगती हैं. इसी में एक बीमारी है ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी. उम्र बढ़ने के साथ साथ हड्डियों का कमजोर होना एक आम बात है लेकिन जब ये कमजोरी एक सीमा से अधिक हो जाती है तो यह एक खतरे की घंटी है. हड्डियां कमजोर होने से इनके टूटने और फ्रैक्चर होने की भी संभावना भी बढ़ जाती है. हड्डियों की कमजोरी की इस स्थिति को ही ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है.
मायोक्लीनिक के अनुसार ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाई जाती है. यह बीमारी शरीर के कूल्हे, कलाई या फिर रीढ़ को ज्यादा प्रभावित करती है. अगर समय रहते इस बीमारी पर ध्यान नहीं दिया गया तो एक उम्र के बाद हड्डियों सं संबंधित कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण
आमतौर पर ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण तुरंत सामने नहीं समझ में आते लेकिन जब हड्डियों को नुकसान होने लगता है तो इसका असर साफतौर पर दिखने लगता है. आइए जानते हैं कि इस बीमारी में हमें किस तरह के संकेत मिलते हैं.
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पीठ में दर्द का बने रहना
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शरीर का आगे की तरफ झुका होना
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कमजोरी महसूस होना और थोड़े से काम में थकान होना
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पीठ में किसी तरह का उभार होना
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समय के साथ ऊंचाई में कुछ कमी आना
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आसानी से फ्रैक्चर होना
ऑस्टियोपोरोसिस का कारण
हमारी हड्डियां हमेशा ही नवीनीकरण यानी नई हड्डियों के बनने की स्थिति में होती हैं. इसमें नई हड्डियाम बनती हैं और पुरानी हड्डियां टूट जाती हैं. जब हम युवा अवस्था में होते हैं तो हमारा शरीर तेजी से नई हड्डिया बनाता है और हड्डियों का द्रव्यमान भी बढ़ता है. 20 वर्ष की उम्र के बाद यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है. 30 वर्ष की उम्र तक लगभग सभी लोग अस्थि द्रव्यमान को पा लते हैं. बता दें कि अस्थि द्रव्यमान से यहां हमारा मतलब अस्थि में मौजूद खनिज से है. आपको ऑस्टियोपोरोसिस होने की कितनी संभावना है, यह आंशिक रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि आपने अपनी युवावस्था में कितना अस्थि द्रव्यमान प्राप्त किया है.
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ऑस्टियोपोरोसिस होने के पीछे उम्र का बढ़ना एक बहुत बड़ा कारण है. क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ हमारी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं.
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मेनोपॉज की स्थिति में भी ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बना रहता है. मेनोपॉज आमतौर पर 40-50 साल की महिलाओं में होता है. इस उम्र में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं और शरीर से हड्डियां खत्म होना शुरू हो जाती हैं.
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विटामिन डी की कमी भी ऑस्टियोपोरोसिस का एक बड़ा कारण है.
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शरीर में कैल्शियम की कमी होना
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कई बार आनुवांशिक कारणों से भी ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी हो सकती है.
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कैंसर ट्रीटमेंट थेरेपी
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हाइपर्थाइरॉइडिज़म भी इसका एक कारण है.
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धूम्रपान, तंबाकू और शराब का सेवन करना.