Post Office Of Himachal Pradesh: हिक्किम में रहने वाले ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं।
21वीं सदी की पूरी दुनिया इंटरनेट तक सिमट कर रह गई है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। यह दुनिया ई-मेल और टेक्स्ट मैसेज के जंजीरो के बीच फंसी हुई है और ऐसे में चिट्टियों और पत्रों के विषय में कोई बात नहीं करना चाहता है। लेकिन इन चिट्ठियों की प्रासंगिकता आज भी देश के कई कोनों में है। देश के उन्हीं कोनों में से एक है हिमाचल प्रदेश में स्थित पोस्ट ऑफिस। यह पोस्ट ऑफिस आम नहीं है बल्कि इसे दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस (World’s Highest Post Office) होने का खिताब प्राप्त है। हिमाचल के लोकल निवासियों के लिए बेहद आम है यह पोस्ट ऑफिस, लेकिन अन्य लोगों की नजर से यह एक टूरिस्ट स्पॉट है। आइए विश्व के सबसे ऊंचे पोस्ट ऑफिस के विषय में डिटेल से चर्चा करते हैं।
कहां स्थित है विश्व का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस?
हिमाचल प्रदेश में एक गांव है जिसका नाम है हिक्किम जो लाहौल स्पीति जिले में है। इसी जिले में विश्व का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस स्थित है और इसका 172114 पिन कोड है। हिक्किम में रहने वाले ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं। पूरी दुनिया में सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस किसी भी रूप से एक सामान्य पोस्ट ऑफिस जैसा नहीं दिखता। भारी मात्रा में स्नोफॉल के कारण यह स्थान अक्सर पूरी दुनिया से जुदा ही रहता है।
कैसे पहुंचाया जाता है डाक?
हिक्किम पोस्ट ऑफिस ने 5 नवंबर 1983 से कार्य करना शुरू किया था और उसके बाद से ही रिनचेन चेरिंग वहां के पोस्टमैन बने हुए हैं। लोकल लोगों का कहना है कि सबसे पहले लेटर को काजॉ भेजा जाता है। उसके बाद लेटर रिकांग पियो जाता है और अंत में दिल्ली पहुंचता है। पहाड़ी गांव में स्थित होने के कारण इस पोस्ट ऑफिस तक पहुंचना आसान नहीं होता। लेकिन रिनचेन चेरिंग सभी मुश्किलों को पार कर चिट्ठियां लोगों तक पहुंचाते हैं।
कौन हैं रिनचेन चेरिंग?
रिनचेन चेरिंग इस पोस्ट ऑफिस में पोस्ट मास्टर के रूप में 30 से अधिक वर्षों से सेवा कर रहे हैं। वह इस डाकघर की स्थापना के बाद से 22 साल की छोटी उम्र में ही इस पोस्ट ऑफिस से जुड़ गए थे। केवल इसलिए क्योंकि वे एक फास्ट रनर थे और उनके पास एक साइकिल थी। पिछले 30 सालों से रिनचेन अकेले ही और बड़ी वफादारी से सभी काम कर रहे हैं।
ऐसे पहुंच सकते हैं पोस्ट ऑफिस
विश्व के सबसे ऊंचे पोस्ट ऑफिस में आसानी से पहुंचा जा सकता है। जो ट्रेक करना पसंद करते हैं काज़ा से बस ले सकते हैं और मोटर योग्य सड़क के माध्यम से हिक्किम पहुंच सकते हैं। ध्यान रखें कि बस दिन में केवल एक बार दोपहर 2 बजे ही निकलती है।