World's largest dialogue on National Education Policy 2020

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विश्व का सबसे बड़ा संवाद

विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के महामंत्री देशराज शर्मा ने शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विश्व का सबसे बड़ा संवाद हुआ. इसमें लगभग 6.50 लाख सुझाव आए जिसमें अभिभावकों, विद्यार्थियों और शिक्षाविदों के 6 हजार 676 जिला समितियों से सुझाव आए. इन सब का संकलन ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 है. देशराज शर्मा ने विद्या भारती की ओर से जनसंवाद के आधार पर बनी इस शिक्षा नीति का क्रियान्वयन करने के भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार के निर्णय का विद्या भारती ने स्वागत किया है.

विद्या भारती महामंत्री देशराज शर्मा ने कहा कि साल 1968 और साल 1986 की शिक्षा नीति भी बहुत अच्छी थी, लेकिन जनभागीदारी न होने की वजह से शिक्षा नीति ठीक प्रकार से लागू नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि समीक्षा से यह पता चलता है कि हितधारकों को योजना का हिस्सा बना न बना पाने के कारण उसका क्रियान्वयन सही तरह से नहीं हो सका. इस वजह से हमारे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होने के साथ बहुत बड़ी गिरावट भी आई.

नई शिक्षा नीति भारत एवं विद्यार्थी केंद्रित, भारतीय ज्ञान परंपरा एवं 21वीं सदी की अवधारणा की पूर्ति हेतु प्राचीन एवं आध्यात्मिकता का मिश्रण है. उन्होंने कहा कि भविष्य चुनौतियों का समाधान शिक्षा नीति में है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि झलकती है, जिसका हम सब अभिनंदन करते हैं. विद्या भारती ने कोरोना के बावजूद नई शिक्षा नीति को के कार्यान्वयन के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की.

बता दें कि विद्या भारती देशभर में 25 हजार औपचारिक व अनौपचारिक विद्यालयों को चला रही है. विद्या भारती उत्तर में 580 विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं. इन विद्यालयों में प्रांत स्तर पर क्रियान्वयन समितियों का निर्माण किया गया है. पाठ्यचर्या के लिए 25 विषयों की फोकस ग्रुप के लिए पोजिशन पेपर शिक्षाविदों के माध्यम से तैयार करने और सरकार को सुझाव देने के लिए बनाए जा रहे हैं, ताकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना को जमीनी स्तर पर उतारा जा सके.