भारत में डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेने ने कहा, मैं समझता हूं कि यह बहुत बड़ा विचार है। भारत द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी इस धरती को बड़ा तोहफा है।
भारत में आज से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर लगाई गई पाबंदी का दुनियाभर में स्वागत हो रहा है। कई देशों ने इस साहसिक कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है।
देश में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसका स्वागत करते हुए भारत में डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेने ने कहा, मैं समझता हूं कि यह बहुत बड़ा विचार है। भारत द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी इस धरती को बड़ा तोहफा है। भारत इस दिशा में बड़ा योगदान दे रहा है। इसलिए मैं भारत को बधाई देता हूं।’
नॉर्वे के प्रभारी राजदूत मार्टिन बॉटहेम ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा,’मैं भारत और प्रधानमंत्री मोदी को इस महत्वपूर्ण कदम के लिए बधाई देना चाहता हूं। इससे प्लास्टिक की मात्रा कम होगी, जो धरती और महासागरों को नुकसान पहुंचा रही है। समुद्र में से प्लास्टिक को एकत्र करने और पुनर्नवीनीकरण करने की जरूरत है। यह हवा में फैलता है और हमारी सांसों में घुलता है।
नॉर्वे के दूत ने कहा कि यह एक वैश्विक समस्या है। भारत को अपने प्रयास में सफल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने आज दिल्ली स्थित दूतावास परिसर में एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक की वस्तुओं को खत्म करने का फैसला किया है। इनमें प्लास्टिक की बोतलों समेत कुछ वस्तुएं ऐसी भी हैं जो भारत की प्रतिबंध की सूची में नहीं हैं।
इन 19 वस्तुओं पर लगाई पाबंदी
प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत देश में आज से सिंगल यूज प्लास्टिक की 19 वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे की छड़ें और आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक और 100 माइक्रोन से कम के बैनर शामिल हैं।
रोज निकलता है इतना प्लास्टिक कचरा
एक अनुमान के अनुसार भारत में रोज 1.5 लाख टन कचरा निकलता है। इसमें से 9589 टन प्लास्टिक का कचरा होता है। केवल 30 फीसदी प्लास्टिक ऐसा होता है, जिसका पुन: इस्तेमाल के लिए रिसाइकल किया जा सकता है। 70 फीसदी का उपचार नहीं हो पाता है।
80 देशों में है सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी
विश्व के 80 देशों में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इन देशों पूरी तरह या आंशिक प्रतिबंध लगा रखे हैं। अफ्रीका के भी 30 देशों में भी पाबंदी पूरी तरह लागू है। यूरोप में प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल पर अलग से टैक्स लगा दिया गया है या उसका शुल्क लेते हैं।