कुछ जगहों पर निवेश करके आप जुटा सकें अच्छी खासी रकम
हर कोई चाहता है कि उसका बुढ़ापा आराम से कटे। इसके लिए कई लोग पहले से ही इसकी तैयारी करने लग जाते हैं, परंतु कुछ ऐसे भी होते है जो कुछ भी नहीं सोचते। अपनी रिटायरमेंट (Retirement) की आयु के करीब आने वाले कई व्यक्ति रिटायरमेंट जीवन के बारे में आत्मसंतुष्ट हो जाते हैं। नतीजतन, वे न तो अपने निवेश की समीक्षा करते हैं और न ही रिटायर होने के बाद आर्थिक रूप से सुरक्षित जीवन सुनिश्चित करने के लिए कोई काम करते हैं। इस तरह की निष्क्रियता उनकी आजीवन बचत और निवेश के लिए घातक साबित हो सकती है। 50 साल के होने या इसके करीब आने पर आपको क्या करना चाहिए। आइए इसके बारे में हम आपको बताते हैं…
यह भी पढ़ें-किसान योजना में हुआ बदलाव, अब किसानों को नहीं मिलेगी ये बड़ी सुविधा
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण अपनी सभी वित्तीय संपत्तियों पर ध्यान दें। यह एफडी (FD) रेकरिंग डिपाजिट, म्यूचुअल फंड, शेयरों और बांडों में निवेश, भविष्य निधि, स्वास्थ्य बीमा, टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance), बैंक खाते में आपकी बचत और संपत्तियों में निवेश के रूप में हो सकता है।
इसी तरह, अपनी सभी वर्तमान और आगामी वित्तीय देनदारियों पर ध्यान दें। यह होम लोन (Home Loan), कार लोनए पर्सनल लोन या रिश्तेदारों या दोस्तों से कुछ उधार की आपकी समान मासिक किस्तें (ईएमआई) हो सकती हैं।
इक्विटी म्युचुअल फंडों और शेयरों में फैले निवेशों को क्रम में रखने की जरूरत है, ताकि जोखिम कम हो। उदाहरण के लिए यदि आपके पास बहुत अधिक समान प्रकार के फंड हैं, तो इस तरह के विविधीकरण को कम करने और एक दशक से कम के भरोसेमंद ट्रैक रिकॉर्ड के साथ सीमित योजनाओं के तहत ऐसे निवेश लाने की सलाह दी जाती है।
अपने कुल पोर्टफोलियो के आबंटन को इक्विटी में 40-50 फीसदी तक लाने पर विचार करें। 50 के उम्र के करीब पहुंचते ही डेट इंस्ट्रूमेंट्स (Debt Instruments) में एक्सपोजर बढ़ाएं। आप अपने सभी इक्विटी से संबंधित निवेशों के लिए बैलेंस्ड एडवांटेज फंड जैसे डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड पर विचार कर सकते हैं।
बैंकों की एफडी (FD) या आरडी (RD) में नया निवेश उपयुक्त नहीं हो सकता है। इसके बजाय आपको एफडी और आरडी में अपनी संपत्ति को डेट-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड में ट्रांसफर करना चाहिए। इस तरह के फंड इक्विटी में संपत्ति का 10.35 फीसदी आबंटित करते हैं, लेकिन जब आपको पैसे की आवश्यकता होती है तो नकदी का लाभ उठाना भी आसान होता है।
आपको मजबूत इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) बनाने और बनाए रखने की दिशा में काम करना जारी रखना चाहिए। जब आप रिटायर होने के बाद अचानक वित्तीय संकट का सामना करेंगे तो यह फंड आपकी सहायता के लिए होगा। आप अपने इमरजेंसी फंड को बढ़ाने के लिए अपनी बचत की कुछ राशि लिक्विड फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। लिक्विड फंड आपके निवेश पर अपेक्षाकृत बेहतर रिटर्न देते हैं।