गणेश चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा, अभी से जमा कर लें पूजा की चीजें

गणेश चतुर्थी पर इस बार बेहद शुभ योग का निर्माण हो रहा है। बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी पड़ने से इसका खास संयोग बन रहा है। इस दिन गणेशजी अपने साथ शुक्ल योग के साथ रवि योग भी ला रहे हैं। रवि योग सुबह 05 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर मध्यरात्रि 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।

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गणेश पूजा पर ऐसे करें पूजा
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भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व देशभर में मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 31 अगस्त दिन बुधवार को मनाया जाएगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश का प्राकट्य हुआ था। गणेश चतुर्थी के दिन घरों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है और अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन किया जाता है। अर्थात 31 अगस्त को गणेश स्थापना की जाएगी और 10 दिन बाद यानी 9 सितंबर को विसर्जन किया जाएगा। 10 दिन चलने वाले इस त्योहार में बप्पा की पूजा की जाती है और भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति गणेश चतुर्थी के दिन सच्चे मन से पूजा करता है, भगवान उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
गणेश चतुर्थी पर शुभ योग
गणेश चतुर्थी पर इस बार बेहद शुभ योग का निर्माण हो रहा है। बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी पड़ने से इसका खास संयोग बन रहा है। इस दिन गणेशजी अपने साथ शुक्ल योग के साथ रवि योग भी ला रहे हैं। रवि योग सुबह 05 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर मध्यरात्रि 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही सूर्य सिंह राशि में, शनि मकर राशि में, बुध कन्या राशि और गुरु मीन राशि में रहेंगे। ये चारों ग्रह अपनी राशि में ही विराजमान रहेंगे। इसके साथ ही इस दिन भद्रा का भी साया रहेगा, जो सुबह 05 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।

Ganesh

गणेश चतुर्थी पूजन शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि का प्रारंभ – 30 अगस्त को 03 बजकर 33 मिनट
चतुर्थी तिथि का समापन – 31 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक
गणेश स्थापना मुहूर्त – 31 अगस्त को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 37 मिनट तक
अनंत चतुर्दशी – 9 सितंबर दिन शुक्रवार गणेश विसर्जन
चतुर्थी तिथि की शुरुआत 30 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट से हो रही है और समापन 31 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। लेकिन हिंदू धर्म में उदया तिथि सर्वमान्य होती है इसलिए गणेश चतुर्थी का पर्व 31 अगस्त को मनाया जाएगा।

गणेश पूजन सामग्री लिस्ट

भगवान गणेश के पूजन के लिए अभी से गणेश की प्रतिमा, गंगाजल, लाल कपड़ा, धूप, दीप, कपूर, फूल, जनेऊ, दूर्वा, कलश, नारियल, रोली, पंचामृत, मौली, फल, सुपारी, लाल चंदन, पंचमेवा, मोदक शामिल हैं।

गणेश पूजन विधि
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि के कार्य करके गणेशजी की प्रतिमा की स्थापना करें और उत्तर की तरफ मुख करके आसन पर बैठें। इसके बाद गणेश यंत्र की स्थापना करें और मंत्रों का जप करते हुए चारों तरफ गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद दूर्वा समेत पूजा सामग्री भगवान को अर्पित करें और फिर हाथ में चावल लेकर कथा सुनें। कथा सुनने के बाद गणेशजी को मोदक का भोग लगाएं और गणेश चालीसा का पाठ करें। अंत में घी के दीपक से भगवान गणेश की आरती उतारें। व्रत धारी इस दिन एक समय का ही भोजन करें और पूरे दिन भजन कीर्तिन और दान करते रहें।

भगवान गणेश के 21 नाम का जप करें
ॐ गणञ्जयाय नमः
ॐ गं गणपतये नमः
ॐ गं हेरम्बाय नमः
ॐ गं धरणीधराय नमः
ॐ गं महागणपतये नमः
ॐ गं लक्षप्रदाय नमः
ॐ गं क्षिप्रप्रसादनाय नमः
ॐ गं अमोघसिद्धये नमः
ॐ गं अमृताय नमः
ॐ गं मंत्राय नमः
ॐ गं चिंतामणये नमः
ॐ गं निधये नमः
ॐ गं सुमङ्गलाय नमः
ॐ गं बीजाय नमः
ॐ गं आशापूरकाय नमः
ॐ गं वरदाय नमः
ॐ गं शिवाय नमः
ॐ गं काश्यपाय नमः
ॐ गं नन्दनाय नमः
ॐ गं वाचासिद्धाय नमः
ॐ गं ढुण्ढिविनायकाय नमः