चिंतलूर गांव के हरे-भरे धान के खेतों के ऊपर जैसे ही एक ड्रोन उड़ता है, एक पगड़ी वाले पुरुष और बिंदी और आभूषण वाली महिला की तस्वीर दिखाई देती है। चिन्नी कृष्णुडु बताते हैं कि इसे बनाने में बहुत मेहनत लगी और इसके लिए जुनून की जरूरत थी। मैंने इसके लिए एक चित्रकार को काम पर रखा और उसे अपने माता-पिता की एक तस्वीर दी। फिर उसने लाइनें बनाने के लिए रस्सियाँ खरीदी।
हैदराबाद: एक किसान ने अपने माता-पिता को ऐसी श्रद्धांजलि दी है जिसे देख हर कोई वाह कह रहा। किसान ने अपने माता-पिता की ऐसी तस्वीर बनाई है जिसे केवल आसमान से या ड्रोन के लेंस से ही देखा जा सकता है। निजामाबाद से 35 किमी दूर एक गांव में रहने वाले किसान गंगाराम चिन्नी कृष्णुडु ने अपनी खेतीहर जमीन की फसल पर अपने माता-पिता की तस्वीर उतार दी है। इसके लिए उन्होंने तीन प्रकार के धान के बीजों का उपयोग किया है। वे कहते हैं कि मेरे माता-पिता का 21 साल पहले निधन हो गया था। उन्होंने मुझे छठी कक्षा तक पढ़ाया और यह उन्हें याद करने और दुनिया को दिखाने का मेरा तरीका है।
चिंतलूर गांव के हरे-भरे धान के खेतों के ऊपर जैसे ही एक ड्रोन उड़ता है, एक पगड़ी वाले पुरुष और बिंदी और आभूषण वाली महिला की तस्वीर दिखाई देती है। चिन्नी कृष्णुडु बताते हैं कि इसे बनाने में बहुत मेहनत लगी और इसके लिए जुनून की जरूरत थी। मैंने इसके लिए एक चित्रकार को काम पर रखा और उसे अपने माता-पिता की एक तस्वीर दी। फिर उसने लाइनें बनाने के लिए रस्सियाँ खरीदी।
चिन्नी कृष्णुडु ने बताया कि पहले उन्होंने बंगारू गुलाबी, पंचरत्न, चिंतालुरू सन्नालू वैराइटी के धान के पौधे तैयार किए। उन्होंने माता-पिता का चित्र बनाया और उस पर धान की रोपाई की। जैसे-जैसे पौधे बड़े होते गए माता-पिता का चित्र साफ नजर आने लगा। वीडियो और ड्रोन के जरिए उन्होंने इस खेत की तस्वीर ली।
नागुला चिन्ना गंगाराम निजामाबाद में चिन्नी कृष्णुडू के नाम से मशहूर हैं। वे न सिर्फ एक प्रगतिशील किसान हैं बल्कि बदलते दौर के साथ कदम मिलाकर चलने में विश्वास करते हैं। उनके पास एक ग्रैन बैंक है जिसमें 110 वैराइटी के धान हैं। नागुला चिन्ना का दावा है कि किसी एकल किसान के पास धान की इतना सारी वैराइटी नहीं।