वाह! प्रधान जी, निजी खर्च से कोटडी व्यास में युवाओं को सेना में भर्ती की जगा रहे अलख…

नाहन, 21 सितंबर : पांवटा साहिब उपमंडल की कोटडी व्यास पंचायत के प्रधान सुरेश कुमार की कार्यशैली प्रभावित करने वाली है। बचत खाते से करीब 50 हजार की राशि खर्च कर पंचायत में एक मैदान को तैयार किया, ताकि सेना में भर्ती होने की आकांक्षा रखने वाले युवा तैयारी कर सकें।

मिशन ज्वाइन इंडियन आर्मी के तहत पंचायत प्रधान द्वारा नो प्रॉफिट-नो लाॅस पर सैनवाला के रविदास आश्रम के समीप मैदान में युवाओं को शारीरिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। साथ ही आदर्शवाद व आशावादी शिक्षा भी दी जाती है। मुख्य शारीरिक प्रशिक्षक निरंजन सिंह के मुताबिक युवाओं को मैदान में व्यस्त कर उन्हें नशे से भी दूर रखा जा सकता है।

गौरतलब है कि लगभग 50 युवाओं का इस मैदान में आना नियमित है। यही नहीं, सेना में फिटनेस के अनुभव को भी युवाओं से समय-समय पर साझा करते रहते हैं। गौरतलब है कि पंचायत प्रधान के रूप में मिलने वाली राशि को भी सुरेश कुमार सामाजिक कार्यों में ही खर्च करते हैं। शिक्षक दिवस पर शहीद कमलकांत मैमोरियल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोटडी व्यास में भी राशि भेंट की थी।

पंचायत प्रधान सुरेश कुमार युवाओं के खासे पॉपुलर हैं। सुरेश कुमार का ये भी कहना है कि पंचायत प्रधान के रूप में मिलने वाला मानदेय वो स्कूल प्रबंधन कमेटी को प्रदान करते रहेंगे। पंचायत के शहीद कमलकांत को स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि एक सैनिक अपने जीवन का बलिदान देश के लिए दे सकता है तो हम अपने साथी कमलकांत के लिए स्कूल की भलाई के लिए मानदेय क्यों नहीं दे सकते।

दिलचस्प बात ये है कि राज्य में चुनावी सरगर्मियां तेज हैं, ऐसे में पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधि भी इसमें मशगूल हो गए हैं, लेकिन कोटडी व्यास के प्रधान रोजमर्रा की जिंदगी के अलावा प्राथमिक कार्यों को ही तवज्जो दे रहे हैं।

उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में पंचायत प्रधान सुरेश कुमार ने कहा कि युवाओं में मौजूद रहकर एक अलग ही अहसास होता है। उन्होंने बताया कि इलाके से कई युवा भारतीय सेना को ज्वाइन करने में सफल हुए हैं। उनका कहना है कि अगर हम किसी युवक को उसके मुकाम तक पहुंचाने में सफल होते हैं तो कामयाबी उसकी नहीं होती, बल्कि आपकी होती है। इसका अहसास ही बेहद सुकून देने वाला होता है।

उल्लेखनीय है कि पंचायत के कमलकांत ने 2002 में कुपवाड़ा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहादात पाई थी। हर साल शहीदी दिवस पर शहीद कमलकांत को श्रद्धासुमन अर्पित किए जाते हैं। इलाके के बेटे की शहादत के बाद से समूचे क्षेत्र में युवाओं का भारतीय सेना में भर्ती होने का रूझान बढ़ा है।

उधर, पंचायत प्रधान सुरेश कुमार का ये भी कहना है कि भारतीय सेना से ज्यादा कोई भी हैल्थ व वैल्थ नहीं दे सकता।