WFI Dispute: अध्यक्ष रोहतास नांदल ने कहा कि धरने पर बैठे पहलवान राजनीतिक उकसावे के चलते छोटी राजनीति का परिचय दे रहे हैं। जो न तो इन खिलाड़ियों के हक में है और न ही कुश्ती खेल के हक में।
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रोहतक: दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों के मामले में हरियाणा कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव किया है। संघ के अध्यक्ष रोहतास नांदल ने कहा है कि धरना दे रहे पहलवानों की उम्र ढलने लगी है और ये नए पहलवानों से हारने लगे हैं। इसलिए कुश्ती महासंध के अध्यक्ष पर अनुचित दबाव बनाना चाहते हैं और अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
नांदल ने धरना दे रहे पहलवानों पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया। जो खिलाड़ी कल तक अखिल भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के कसीदे पढ़ते थे, वही तुच्छ राजनीति का परिचय देते हुए उन पर आरोप लगा रहे हैं। हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने पिछले साल उत्तर प्रदेश के अमेठी में कुश्ती महासंघ की ओर से पहलवानों के सम्मान समारोह का एक विडियो दिखाया, जिसमें ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
धरना दे रहे पहलवान एक दिन में ही पहलवान नहीं बन गए: नांदल
रोहतास नांदल ने कहा कि जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवान एक दिन में ही पहलवान नहीं बन गए हैं। यह कुश्ती महासंघ और महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की कोशिशों का ही नतीजा है, जिन्होंने देश-विदेश में अनेक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित करवा कर इन खिलाड़ियों को इस स्तर तक पहुंचाया है।
यौन उत्पीड़न जैसे संगीन आरोप ओछी राजनीति का परिचय: नांदल
हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने कहा कि यौन उत्पीड़न जैसे संगीन आरोप ओछी राजनीति का ही परिचय हैं। उन्होंने उभरते हुए पहलवानों के परिजनों से आहृान किया कि देखें कि उनके बच्चे किस दिशा में जा रहे हैं। इस तरह के आरोप लगाना भारतीय संस्कृति के अनुरूप नहीं है। लड़कियां लक्ष्मी का रूप होती हैं। बृजभूषण शरण ने अपना जीवन कुश्ती के लिए समर्पित किया है और वह आज अध्यक्ष नहीं बने हैं, बल्कि वर्षों से अध्यक्ष हैं। तब भी ये खिलाड़ी थे और अध्यक्ष भी थे। तब यह बातें कहां गई थी।