234 में से 87 रोगियों ने कोविड-19 वैक्सीन नहीं लिया था और उनमें से 15 को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, हालांकि उनमें से किसी को भी आईसीयू में भर्ती नहीं कराना पड़ा।
मुंबई में 16वीं जीनोम सीक्वेंस श्रृंखला में परीक्षण किए गए सभी 234 स्वैब नमूनों में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता चला है। इसमें 36 या 15 प्रतिशत वाला XBB वैरिएंट शामिल था। बृहन्मुंबई नगर निगम की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 234 नमूनों में से 14 प्रतिशत या 33 नमूने XBB.1 सब-वैरिएंट से संक्रमित पाए गए।
रोगियों की उम्र का विवरण दिया गया
इसमें बताया गया कि 234 रोगियों में से 24 (10 प्रतिशत) 20 वर्ष से कम आयु वर्ग, 94 (40 प्रतिशत) 21-40 आयु वर्ग में, 69 (29 प्रतिशत) 41-60 आयु वर्ग में, 36 (15) प्रतिशत) 61 और 80 वर्ष की आयु के बीच, और 11 (5 प्रतिशत) 81 वर्ष से ऊपर के हैं। जिन रोगियों के नमूनों का जीनोम सीक्वेंस किया गया था, उनकी आयु का और अधिक विवरण देते हुए विज्ञप्ति में कहा गया है कि 16 की आयु 18 वर्ष से कम थी, तीन पांच वर्ष से कम उम्र के थे, छह 6-12 आयु वर्ग के थे और छह 14-18 उम्र के थे।
इसने कहा कि 234 में से 87 रोगियों ने कोविड-19 वैक्सीन नहीं लिया था और उनमें से 15 को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, हालांकि उनमें से किसी को भी आईसीयू में भर्ती नहीं कराना पड़ा। विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिन 147 मरीजों को टीका लगाया गया था, उनमें से सात को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जबकि दो मरीजों की मौत पहले से बीमारी होने के कारण निजी अस्पतालों में हुई, जिनमें से एक की उम्र 88 साल थी। बीएमसी के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि इन सब-वैरिएंट से घबराने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन लोगों से कहा कि वे कोविड उपयुक्त व्यवहार का सख्ती से पालन करें और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों का पालन करें।