कोरोना काल के बाद यह पहली कांवड़ यात्रा है। इस बार दो साल के अंतराल पर यात्रा हो रही है तो कांवड़ियों की संख्या चार करोड़ को पार कर सकती है। ऐसे में कांवड़ मेला क्षेत्र को 133 सेक्टरों में बांटा जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था में तकरीबन 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
कोरोना संक्रमण के चलते दो साल बाद होने जा रही कांवड़ यात्रा में इस बार चार करोड़ से अधिक कांवड़ियों के आने की संभावना है। यात्रा की तैयारी के लिए सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक में सात राज्यों के आला अधिकारियों ने भाग लिया और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर चर्चा की।
तय किया गया कि कांवड़ मेला क्षेत्र को 133 सेक्टरों में बांटा जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था में तकरीबन 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, रेलवे सुरक्षा बल, आईबी के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष और ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा 14 से 26 जुलाई तक चलेगी।
कोरोनाकाल के बाद यह पहली कांवड़ यात्रा है। वर्ष 2018 में दो करोड़ से अधिक कांवड़िए आए थे। 2019 में यह संख्या तीन करोड़ को पार कर गई थी। उन्होंने कहा कि इस बार दो साल के अंतराल पर यात्रा हो रही है तो कांवड़ियों की संख्या चार करोड़ को पार कर सकती है।
तय किया गया कि कांवड़ मेला क्षेत्र को 133 सेक्टरों में बांटा जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था में तकरीबन 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, रेलवे सुरक्षा बल, आईबी के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष और ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा 14 से 26 जुलाई तक चलेगी।
कोरोनाकाल के बाद यह पहली कांवड़ यात्रा है। वर्ष 2018 में दो करोड़ से अधिक कांवड़िए आए थे। 2019 में यह संख्या तीन करोड़ को पार कर गई थी। उन्होंने कहा कि इस बार दो साल के अंतराल पर यात्रा हो रही है तो कांवड़ियों की संख्या चार करोड़ को पार कर सकती है।
डीजीपी ने सभी राज्यों से इसकी तैयारियों में अभी से जुटने को कहा। कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में बांटा जाएगा। इसके लिए 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। यात्रा की सुरक्षा के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाई जाएगी। कांवड़ यात्रा में सोशल मीडिया के माध्यम से शांति व्यवस्था की अपील भी की जाएगी। इसके लिए उन्होंने कांवड़ यात्रा मार्ग पर समुचित ढंग से प्रचार-प्रसार करने को भी कहा।