Yes Bank: प्रशांत कुमार भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व उप प्रबंध निदेशक और सीएफओ रह चुके हैं। प्रशांत कुमार को आरबीआई द्वारा पहले साल 2020 में भी केंद्रीय बैंक द्वारा यस बैंक के बोर्ड को हटाने के बाद नियुक्त किया गया था। प्रशांत कुमार ने एसबीआई में क्रेडिट, मानव संसाधन और प्रशिक्षण प्रणाली जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है।
नई दिल्ली: निजी क्षेत्र के यस बैंक (Yes Bank) के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के तौर पर प्रशांत कुमार की नियुक्ति को भारतीय रिजर्व बैंक ने स्वीकृति दे दी है। यस बैंक ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजारों को इस मंजूरी की सूचना देते हुए कहा कि कुमार छह अक्टूबर, 2022 से तीन वर्षों के लिए बैंक के एमडी एवं सीईओ के रूप में कार्यरत रहेंगे। हालांकि कुमार की इस नियुक्ति पर अभी शेयरधारकों की मंजूरी मिलनी बाकी है। हालांकि प्रशांत कुमार को पहली बार मार्च 2020 में संकट के दौर से गुजर रहे इस बैंक की कमान सौंपी गई थी। उनकी अगुवाई में यस बैंक (Yes Bank) ने मुश्किल दौर से निकलने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ाए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं प्रशांत कुमार कौन हैं, जिन्हें यस बैंक का नया एमडी बनाया गया है। चलिए आपको बताते हैं।
पहले भी दी गई थी यस बैंक की कमान
प्रशांत कुमार भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व उप प्रबंध निदेशक और सीएफओ रह चुके हैं। प्रशांत कुमार को आरबीआई द्वारा पहले साल 2020 में भी केंद्रीय बैंक द्वारा यस बैंक के बोर्ड को हटाने के बाद नियुक्त किया गया था। प्रशांत कुमार ने एसबीआई में क्रेडिट, मानव संसाधन और प्रशिक्षण प्रणाली जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है। कुमार ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री पूरी की है। इसके बाद वो साल 1983 में भारतीय स्टेट बैंक में शामिल हुए, उन्हें बैंकिंग क्षेत्र में 30 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने बैंक के कोलकाता और मुंबई सर्कल में एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक के रूप में भी काम किया है।
पूरी मेहनत से करते हैं हर काम
प्रशांत कुमार के बारे में बताया जाता है कि वो हर काम पूरी मेहनत से करते हैं और जबतक काम को अंजाम तक न पहुंचा दें पीछे नहीं हटते हैं। जब बीते वर्षों में यस बैंक मुश्किल में था तब उन्हें के नेतृत्व में बैंक ने इस दौर से निकलने में मजबूती से कदम बढ़ाए थे। 59 वर्षीय प्रशांत कुमार काफी शांत मिजाज के हैं।
इस तरह यस बैंक को मुश्किलों से निकाला था
यस बैंक (Yes Bank) मार्च 2020 में डूबने की कगार पर पहुंच गया था। इस दौरान RBI ने बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया और SBI के पूर्व CFO प्रशांत कुमार एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त कर 3 अप्रैल तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये कर दी थी। यस बैंक के अर्श से फर्श पर आने की दो प्रमुख वजहें प्रमोटर फैमिली की आपसी कलह और धड़ाधड़ दिए गए लोन रहे थे। जैसे-जैसे वक्त गुजरा यस बैंक में कॉर्पोरेट गवर्नेंस से समझौते के मामले सामने आने लगे। बैंक पर बड़ा कर्ज हो गया, जिसकी वजह यस बैंक के फाउंडर व सीईओ राणा कपूर रहे। राणा कपूर ने कर्ज और उसकी वसूली के लिए तय प्रक्रिया से ज्यादा महत्व निजी संबंधों को दिया। यस बैंक का हर लोन को हां कहना उस पर भारी पड़ गया था। इस दौरान प्रशांत कुमार ने बहुत ही समझदारी से कदम उठाए। उन्हीं के नेतृत्तव में बैंक धीरे-धीरे मुश्किलों से उभर सका। अब दोबारा उन्हें यस बैंक की कमान सौंपी गई है।