Yoga Classes in Saudi Arabia : सऊदी अरब में लंबे समय तक योग पर प्रतिबंध था। कट्टरपंथी इसे इस्लाम विरोधी करार देते थे। लेकिन बिन सलमान की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद अब सऊदी यूनिवर्सिटी इसे अपनाने जा रही हैं। योग के स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभावों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले कुछ महीनों में योग को समर्थन और बढ़ावा देने के लिए देश की प्रमुख यूनिवर्सिटीज के साथ कई समझौते साइन किए जाएंगे। सऊदी योग कमिटी के अध्यक्ष नौफ अल-मारवाई ने कहा कि स्वास्थ्य और सेहत के लिए योग के महत्व पर जोर देते हुए कमिटी विश्वविद्यालयों में योग को शुरू करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। उन्होंने कहा कि योग करने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।
मिल रहीं कट्टरपंथियों की धमकियां
अल-मारवाई देश में योग को सामान्य बनाने के प्रयासों की अगुवाई कर रहे हैं। वह, ‘योग इस्लाम के साथ असंगत है’, धारणा को चुनौती देने के लिए कट्टरपंथियों की धमकियों का सामना भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग सिर्फ ध्यान लगाना नहीं है बल्कि इसमें कई आसन भी हैं। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में सऊदी अरब ने योग को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम की मेजबानी की थी और इसमें हिस्सा लेने के लिए 11 अरब देशों को आमंत्रित किया था।
खेल के रूप में मिली योग को मान्यता
सऊदी अरब में दशकों से आधिकारिक तौर पर योग की अनुमति नहीं थी। सऊदी अरब एक मुस्लिम देश है जहां सभी गैर-मुस्लिम प्रथाओं पर प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन ‘उदारवादी इस्लाम’ की बात करने वाले सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने देश में योग को एक खेल के रूप में मान्यता दी है। हालांकि सऊदी यूनिवर्सिटीज में योग को कट्टरपंथियों के उग्र विरोध का सामना करना पड़ सकता है।