फ्रोजन शोल्डर की स्थिति में हाथों को ऊपर उठाना काफी कठिन हो जाता है, यह स्थिति जीवन के सामान्य कामकाज को भी प्रभावित कर देती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, योग को दिनचर्या में शामिल करके मांसपेशियों में होने वाली इस तरह की दिक्कतों को कम करने में मदद मिल सकती है। फ्रोजन शोल्डर और हाथों के दर्द की दिक्कतों में भी योगासनों के अभ्यास से शीघ्र लाभ पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि इस तरह की समस्याओं में विशेषज्ञ किन योगासनों के अभ्यास को लाभकारी मानते हैं? दिनचर्या में इन आसनों को जरूर शामिल किया जाना चाहिए।
अर्धमत्स्येन्द्रासन के नियमित अभ्यास को शरीर की कई प्रकार की समस्याओं के जोखिम को कम करने वाला माना जाता है। फ्रोजन शोल्डर की समस्या और इसके दर्द को कम करने के लिए इस योग के अभ्यास से लाभ मिल सकते हैं। इस योग के अभ्यास की आदत सांस लेने में तकलीफ, तनाव-चिंता जैसे विकारों को कम करने में भी आपके लिए सहायक है। शरीर के ऊपरी हिस्से को मुड़ने से पीठ और कंधों पर खिंचाव पैदा होता है, जिससे दर्द से राहत मिलती है।
भुजंगासन योग को शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है। ऊपरी शरीर के बेहतर अभ्यास के साथ गर्दन से लेकर कंधे और पीठ तक की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने और रक्त के संचार को बढ़ाकर दर्द से राहत दिलाने में इस योग के लाभ हो सकते हैं। इस योग को पेट की चर्बी से छुटकारा पाने में भी मददगार माना जाता है, इसके साथ पीठ की मांसपेशियों के लचीलेपन को बढ़ाने और रीढ़ को मजबूती देने में भी इस योग के नियमित अभ्यास से लाभ हो सकता है।
धनुरासन योग को पीठ की समस्याओं से राहत दिलाने वाले अभ्यास के तौर पर जाना जाता है, जो छाती, गर्दन और कंधों के लिए भी लाभकारी है। तनाव को कम करने में भी इस योग से लाभ पाया जा सकता है। धनुरासन में शरीर को मोड़ने की आवश्यकता होती है, ऐसे में इसे स्ट्रेचिंग के सबसे प्रभावी योगाभ्यास के रूप में भी जाना जाता है। धनुरासन योग के रोजाना अभ्यास की आदत पाचन अंगों से लेकर कंधे और पीठ की समस्याओं से आपको राहत दिला सकती है।
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नोट: यह लेख स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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