आप भी टैक्‍स बचाने के लिए खरीद रहे बीमा पॉलिसी! पहले जान लें यह नियम वरना नहीं मिलेगी छूट

नई दिल्‍ली. जीवन बीमा पॉलिसी का इस्‍तेमाल ज्‍यादातर निवेशक पारिवारिक सुरक्षा के साथ टैक्‍स बचत के लिए भी करते हैं. इसमें कई विकल्‍प मिलते हैं. कुछ निवेशक जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम का भुगतान सालाना आधार पर करते हैं और कुछ निवेशक इसे एकमुश्‍त चुकाने में भरोसा रखते हैं. अगर आप भी सिंगल प्रीमियम जीवन बीमा पॉलिसी यानी एकमुश्‍त प्रीमियम देने वाली पॉलिसी खरीदना चाहते हैं तो टैक्‍स बचत से जुड़े कुछ नियम जान लेना जरूरी है.

आयकर कानून की धारा 80सी के तहत सिंगल प्रीमियम जीवन बीमा पॉलिसी पर भी 1.5 लाख रुपये तक प्रीमियम पर टैक्‍स छूट मिलती है. इतना ही नहीं 1 अप्रैल, 2012 के बाद जारी सिंगल प्रीमियम वाली जीवन बीमा पॉलिसी की मेच्‍योरिटी (बोनस सहित) पर मिलने वाली राशि भी टैक्‍स फ्री होती है. हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि आपका सालाना प्रीमियम आपकी पॉलिसी की सम एश्‍योर्ड राशि का 10 फीसदी (दिव्‍यांग के मामले में 15 फीसदी) से ज्‍यादा नहीं होना चाहिए.
टैक्‍स मामलों के जानकार मनोज जैन का कहना है कि अगर किसी मामले में सिंगल प्रीमियम जीवन बीमा पॉलिसी का सालाना प्रीमियम 10 फीसदी से ज्‍यादा है तो उन्‍हें पॉलिसी की मेच्‍योरिटी राशि पर टैक्‍स चुकाना पड़ेगा. संबंधित बीमा कंपनी आयकर की धारा 194डीए के तहत उस पॉ‍लिसी की मेच्‍योरिटी राशि पर 5 फीसदी की दर से टैक्‍स काट सकेगी.

इन्‍हें तो बिलकुल छूट नहीं मिलेगी
ऐसे करदाता जो इनकम टैक्‍स के नए रिजीम का विकल्‍प चुनते हैं, उन्‍हें आयकर की धारा 80सी के तहत जीवन बीमा पॉलिसी पर कोई टैक्‍स छूट नहीं मिलेगी. हालांकि, नए रिजीम में भी पॉलिसी की मेच्‍योरिटी पर मिलने वाली राशि आयकर की धारा 10(10डी) के तहत टैक्‍स छूट का लाभ दिया जाएगा. हालांकि, अगर किसी व्‍यक्ति की सालाना आमदनी शून्‍य है तो उसे जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर 80सी के तहत टैक्‍स छूट दी जाएगी. भले ही उसने नए टैक्‍स रिजीम का चुनाव किया है.

यहां यह बात ध्‍यान रखना जरूरी है कि अगर आप सिंगल प्रीमियम बीमा पॉलिसी का प्रीमियम उसके सम एश्‍योर्ड से 10 फीसदी अधिक चुका रहे हैं तो भी आपको टैक्‍स छूट नहीं मिलेगी. इसका मतलब है कि अगर आपका 18 लाख रुपये का सम एश्‍योर्ड है और सालाना प्रीमियम 2 लाख रुपये जा रहा तो इस पर टैक्‍स छूट नहीं दी जाएगी.