साधारण नंबर प्लेट की नई कार खरीदने पर 15 वर्ष का रोड टैक्स चुकाना होता है, जो वाहन की लंबाई, इंजन की क्षमता और उसके प्रकार पर निर्भर करता है. बीएच सीरीज नंबर प्लेट लेने पर आने वाले दो साल का ही रोड टैक्स जमा कराना होता है.
नई दिल्ली: अगर आप भी किसी ऐसे इलाके में रहते हैं जहां आपको 2 या उससे अधिक राज्यों में सफर करना पड़ता है या आप ट्रांसफरेबल जॉब में है जहां आपको एक राज्य से दूसरे राज्य में हर दो-तीन साल के बाद जाना पड़ सकता है तो आपके लिए BH रजिस्ट्रेशन वाला नंबर प्लेट काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. भारत सरकार ने कुछ दिन पहले ही BH सीरीज के नंबर प्लेट के जरिए कार का रजिस्ट्रेशन शुरू किया है.
बीएच सीरीज का नंबर प्लेट केंद्र एवं राज्य सरकार के स्टाफ ले सकते हैं. इसके साथ ही बीएचईएल, बीईएल, ओएनजीसी और बीएसएनल समेत एनएचपीसी जैसे पीएसयू में काम कर रहे लोग भी बीएच सीरीज के नंबर प्लेट ले सकते हैं.
इसके साथ ही सेना एवं रक्षा बल के स्टाफ भी बीएच सीरीज के नंबर प्लेट ले सकते हैं. निजी क्षेत्र की कंपनी या संगठन के ऐसे कर्मचारी भी बीएच नंबर प्लेट की कार ले सकते हैं जिनका अक्सर ट्रांसफर होता रहता है. ऐसी कंपनी जिसके चार राज्यों या केंद्र शासित प्रदेश में दफ्तर हो, उनके स्टाफ भी बीएच नंबर प्लेट ले सकते हैं.
बीएच नंबर प्लेट सिर्फ नए निजी और non-transport वाहनों के लिए ही उपलब्ध है. पुराने वाहन और कमर्शियल व्हीकल पर बीएच नंबर प्लेट की सुविधा नहीं है. बीएच नंबर प्लेट पहचानने में बहुत आसान है. देखने में यह सामान्य नंबर प्लेट की तरह लगती है. बस इस पर नंबर डालने का तरीका थोड़ा अलग होता है.
बीएच नंबर प्लेट में सबसे आगे अंग्रेजी में बीएच लिखा होता है जिसका अर्थ है भारत. इसके बाद वाहन का 4 अंकों वाला रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा जाता है. अंत में व्हीकल की श्रेणी लिखी जाती है.
अगर आप सरकारी स्टाफ है तो आपको BH नंबर प्लेट के लिए अपना ऑफिशियल पहचान पत्र देना होता है जबकि निजी सेक्टर में काम करने वाले लोग फॉर्म 60 भरकर अपने डीलर को दे सकते हैं जिससे उन्हें अपनी कार में बीएच रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाएगा.
साधारण नंबर प्लेट की नई कार खरीदने पर 15 वर्ष का रोड टैक्स चुकाना होता है, जो वाहन की लंबाई, इंजन की क्षमता और उसके प्रकार पर निर्भर करता है. बीएच सीरीज नंबर प्लेट लेने पर आने वाले दो साल का ही रोड टैक्स जमा कराना होता है. इसके बाद हर दो साल में रोड टैक्स फिर से जमा कराना होता है. बीएच सीरीज की नंबर प्लेट वाली गाड़ियों पर रोड टैक्स, वाहन की कुल कीमत से जीएसटी हटाकर आंका जाता है.
अगर आप BH सीरीज का नंबर प्लेट लेते हैं तो आपको उस पर रोड टैक्स भी कम ही अदा करना होगा. जैसे पेट्रोल पर चलने वाली 10 लाख से कम की गाड़ियों पर 8 फीसदी, 10 से 20 लाख की कीमत वाली गाड़ियों पर 10 फीसदी और 20 लाख से ज्यादा कीमत की गाड़ियों पर 12 फीसदी रोड टैक्स लगता है, जिनमें डीजल वाली गाड़ियों पर 2 फीसदी टैक्स बढ़ जाता है. इलेक्ट्रिक कार पर 2 फीसदी टैक्स कम देना पड़ता है. ऑटो एक्सपर्ट का मानना है कि बीएच सीरीज नंबर प्लेट के फायदों की तुलना में नुकसान न के बराबर हैं.