जवान और आम लोग हो रहे पाकिस्तानी हनी गर्ल का शिकार, वीडियो कॉल पर उतार देती हैं कपड़े, यह भी जानें

एक अधिकारी ने बताया कि यह महिला एजेंट बेतरतीब ढंग से लोगों को मैसेज या कॉल करती हैं। संपर्क होने पर उनसे बात करती हैं। जरूरी नहीं कि सभी लोगों का उपयोग जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाए, उनसे अलग-अलग काम कराए जाते हैं।

रिया के जाल में फंसा था प्रदीप कुमार।
रिया के जाल में फंसा था प्रदीप कुमार।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अपनी महिला एजेंटों के जरिए देश के सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों को हनी ट्रैप में फंसा रहा है। सुरक्षाकर्मियों और आम लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए यह महिला एजेंट किसी भी हद तक पहुंच जाती है। दोस्ती करने के बाद उनसे प्यार भरी बातें करतीं हैं और वीडियो कॉल पर अपने कपड़े तक उतार देती हैं।

जब यह लोग महिला एजेंट के चंगुल में फंस जाते हैं और उन पर विश्वास करने लगते हैं तब हनी ट्रैप गर्ल उनसे सेना से जुड़ी खुफिया जानकारी हासिल करतीं हैं। इसके लिए उन्हें रुपये का भी लालच दिया जाता है। इन हनी ट्रैप गर्ल पर लोग किसी हद तक विश्वास करने लगते हैं, आइए आपको बताते हैं…।

रवि मीणा को भरोसा नहीं अंजलि पाक एजेंट
अधिकारियों ने बताया कि आठ अक्टूबर दिल्ली के सेना भवन में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी रवि प्रकाश मीणा को गिरफ्तार किया गया था। उस पर आरोप था कि उसने सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी महिला एजेंट से साझा की है। आरोपी अभी जेल में बंद हैं, लेकिन उसे विश्वास नहीं हो रहा है कि वह जिस महिला से प्यार करता था वह पाकिस्तानी एजेंट थी। अधिकारियों ने बताया कि 31 साल के मीणा की दोस्ती महिला एजेंट से फेसबुक के जरिए हुई थी। वह उसके प्यार में इस कदर पड़ गया था कि उसने सेना से जुड़ी जानकारियां तक उसे दे दी।

आरोपी रवि मीणा जिस महिला एजेंट से बात करता था उसने अपना नाम अंजलि तिवारी बताया था। अंजलि ने मीणा को बताया था कि वह भारतीय सेना में अधिकारी और पश्चिम बंगाल में तैनात है। जिसके बाद से आरोपी महिला को सेना के बारे में गोपनीय और रणनीतिक जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से साझा कर रहा था। इसके बदले में उसके बैंक खाते में रुपये भी जमा किए जा रहे थे। जेल में बंद आरोपी मीणा को अंजलि के पाकिस्तानी एजेंट होने के सबूत दिखाने के बाद भी उसे विश्वास नहीं हो रहा है कि महिला एक पाकिस्तानी एजेंट है।

शादी करने के लिए तैयार था सेना का जवान
इसी तरह मई में जोधपुर से एक सेना के जवान को गिरफ्तार किया गया था। उत्तराखंड के रहने वाले 24 साल के प्रदीप कुमार पर भी महिला एजेंट को सेना से जुड़ी जानकारी देने का आरोप था। रिया नाम की पाकिस्तानी एजेंट ने उसे हनी ट्रैप में फंसाया था। रिया ने प्रदीप को बताया था कि वह लेफ्टिनेंट कर्नल है और बेंगलुरु में सेना के अस्पताल में तैनात है।

प्रदीप रिया से इस कदर प्यार करने लगा था कि वह उससे शादी करना चाहता था। रिया ने वीडियो कॉल के जरिए प्रदीप को अपने परिवार से भी मिलवाया था। उसने अपनी बहन से भी रिया की बात कराई थी। जिसके बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईं। प्रदीप अपने काम को लेकर भी उसके साथ बात करने लगा। जिसके बाद पाकिस्तानी एजेंट रिया ड्राफ्ट औरे दस्तावेज तैयार करने में उसकी मदद करने लगी। इसके बाद प्रदीप ने उसे दस्तावेजों, अभ्यास शासन और सैन्य इकाइयों की तस्वीरें भेजना शुरू कर दिया। पकड़े जाने के बाद भी प्रदीप को इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा था कि रिया पाकिस्तानी एजेंट है।

राजस्थान में पकड़े गए 35 लोग
पाकिस्तान की हनी ट्रैप गर्ल किस तरह से एक्टिव हैं इस बात का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि 2017 के बाद से राजस्थान में हर साल सेना के जवान या आम लोग उनके शिकार हो रहे हैं। वहीं, गुजरते सालों के साथ-साथ लगातार हनी ट्रैप गर्ल का शिकार हुए लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। प्रदेश में 2017  में 6, 2019 में 5, 2020 में 5, 2021 में 9 और इस साल अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया का चुका है। यानी छह साल में 35 लोग हनी ट्रैप गर्ल का शिकार हो चुके हैं। जिनमें 10 सुरक्षाकर्मी और 25 आम नागरिक शामिल हैं।

हनी ट्रैपिंग सबसे पसंदीदा तरीका
एक अधिकारी ने बताया कि 2019 के बाद पाकिस्तानी महिला एजेंटों के लिए हनी ट्रैपिंग कर देश की खुफिया जानकारी प्राप्त करने का यह सबसे पसंदीदा तरीका बन गया है। यह एजेंट पहले मिस्ड कॉल देती हैं और फिर कॉल बैक के बाद बातचीत करती हैं या सोशल मीडिया के माध्यम से भी संपर्क करतीं हैं। इसके बाद हनी ट्रैप में फंसाने की प्रक्रिया शुरू होती है।

ये एजेंट कॉल, वीडियो कॉल और वॉयस चैट के जरिए व्यक्ति के साथ भावनात्मक रूप से करीब आती हैं। बाद में उन्हें बहकाने के लिए नग्न क्लिप और तस्वीरें साझा करती हैं। जिसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से गोपनीय जानकारी और दस्तावेज साझा करने का दबाव बनाती है। इसके लिए उन्हें धमकाया जाता है और रुपयों का भी लालच दिया जाता है।

आम लोग भी हो रहे शिकार
एक अधिकारी ने बताया कि यह महिला एजेंट बेतरतीब ढंग से लोगों को मैसेज या कॉल करती हैं। संपर्क होने पर उनसे बात करती हैं। जरूरी नहीं कि सभी लोगों का उपयोग जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाए, उनसे अलग-अलग काम कराए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह काम सिम कार्ड प्राप्त करने या भारतीय फोन नंबरों पर व्हाट्सएप शुरू करने के लिए ओटीपी लेने तक के हो सकते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि जुलाई महीने में भीलवाड़ा निवासी नारायण लाल गदरी (27) और जयपुर के रहने वाले कुलदीप सिंह शेखावत (24) को गिरफ्तार किया गया था। दोनों पर आरोप था कि उन्होंने पाकिस्तानी हैंडलरों को सिम कार्ड मुहैया कराए हैं। जिनका इस्तेमाल वह सोशल मीडिया अकाउंट चलाने के लिए करते थे। नारायण ने सिम माउंट आबू भेजा था, जहां से उसे दिल्ली, मुंबई और फिर दुबई भेज गया था। एक सिम के लिए उसे 3000 से 5000 हजार रुपये दिए जाते थे।