बढ़ने वाली है आपके Loan की EMI, भारत और अमेरिका दोनों जगह महंगाई बनी बैरन, स्टॉक मार्केट पर बड़ा असर

Home Loan Interest Rates : यूएस के इस सीपीआई डेटा से अब अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी करना तय हो गया है। फेड अगले हफ्ते ब्याज दरों में बदलाव की घोषणा करेगा। यूएस फेड ने इस साल चार बार अपनी बेंचमार्क शॉर्ट टर्म ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।

Inflation Data in India and US
Inflation Data in India and US : उम्मीद से अधिक रही अमेरिका में महंगाई

नई दिल्ली : सोमवार को भारत में महंगाई के आंकड़े (Inflation Data in India) जारी हुए थे। इसके बाद आज मंगलवार को अमेरिका में महंगाई (Inflation in US) के आंकड़े जारी हुए हैं। दोनों ही देशों में महंगाई अधिक दर्ज हुई है। इसका असर यह है कि महंगाई को रोकने के लिए अब यूएस फेड (US Fed) द्वारा ब्याज दरें बढ़ाना तय सा हो गया है। यूएस फेड के बाद भारत में आरबीआई (RBI) द्वारा भी ब्याज दरों (Interest Rates) में बढ़ोतरी की पूरी उम्मीद है। इसका सीधा-सीधा नुकसान लोन (Loan) लेने वालों को होगा। होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सहित हर तरह के लोन पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी। जिन्होंने पहले से घर के लिए कर्ज ले रखा है, उन्हें ईएमआई (EMI) में अधिक रकम चुकानी होगी। अमेरिका में महंगाई का असर शेयर बाजार पर भी पड़ा है। यूएस स्टॉक मार्केट (US Stock Market) में मंगलवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट देखने को मिली है। इसका असर बुधवार को भारतीय शेयर बाजारों (Indian Stock Market) पर भी पड़ेगा।
दोनों देशों में अधिक है महंगाई

ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में अगस्त महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7 फीसदी पर पहुंच गई। इससे पहले जुलाई 2022 में यह 6.71 फीसदी थी। इस तरह महंगाई दर लगातार आठवें महीने आरबीआई के सहनीय स्तर से अधिक रही है। उधर अमेरिका की बात करें, तो वहां भी महंगाई दर उम्मीद से अधिक दर्ज हुई है। मंगलवार को यूएस में सीपीआई डेटा जारी हुआ। इसके अनुसार, मंथली सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) अगस्त में 8.3 फीसदी की दर से बढ़ी। जून महीने में महंगाई 40 वर्षों में सबसे अधिक 9.1 फीसदी दर्ज हुई थी।
ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी लगभग तय

यूएस के इस सीपीआई डेटा से अब अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी करना तय हो गया है। फेड अगले हफ्ते ब्याज दरों में बदलाव की घोषणा करेगा। यूएस फेड ने इस साल चार बार अपनी बेंचमार्क शॉर्ट टर्म ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। बता दें कि महंगाई को कंट्रोल करने के लिए केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करते हैं। महंगाई के उम्मीद से अधिक रहने से अब फेड 21 सितंबर की बैठक में दरों में 0.75 फीसदी की एक और बढ़ोतरी कर सकता है।
आरबीआई भी बढ़ा सकता है दरें

यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जाती है, तो उसके बाद आरबीआई भी दरें बढ़ा सकता है। आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक 28 सितंबर से 30 सितंबर के बीच होने जा रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक में आरबीआई रेपो रेट (Repo Rate) में 0.25 से 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला ले सकता है। अगस्त 2022 के खुदरा महंगाई के आंकड़े आरबीआई के सहनीय स्तर से काफी अधिक हैं। ऐसे में अब आरबीआई पर रेपो रेट बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है। बीती 5 अगस्त को आरबीआई ने रेपो रेट को आधा फीसदी बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया था। रेपो रेट बढ़ी, तो बैंक भी लोन पर ब्याज दरों को बढ़ा देंगे।
महंगाई का असर, यूएस स्टॉक मार्केट गिरा

अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़े आने के बाद स्टॉक मार्केट में गिरावट देखी गई। अमेरिकी स्टॉक्स चार दिन से चली आ रही तेजी के सिलसिले को तोड़ते हुए मंगलवार को लाल निशान पर आ गए। एसएंडपी 500 (S&P 500) शुरुआती कारोबार में तेजी से गिरता हुआ दिखा। वहीं, नैस्डैक 100 करीब 3 फीसद गिर गया। बांड की कीमतों में भी तेजी से गिरावट देखने को मिली। मंगलवार शाम डाउ जॉन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1.87 फीसदी, एसएंडपी 500 2.30 फीसदी और नैस्डैक 3.07 फीसदी गिरावट के साथ ट्रेड करता दिखा। अमेरिकी बाजारों में गिरावट का असर भारत में भी देखने को मिल सकता है।